सेनाध्यक्ष MM नरवणे लद्दाख पहुंचे, सुरक्षा तैयारियों की करेंगे समीक्षा
LAC पर चीन के साथ तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे गुरुवार को सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख पहुंचे.
नई दिल्ली: LAC पर चीन के साथ तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे गुरुवार को सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख पहुंचे. सेनाध्यक्ष 2 दिन के दौरे पर सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करेंगे. नरवणे का दौरा ऐसा वक्त में हुआ है, जब भारतीय सेना ने पिछले एक सप्ताह में चीन को कई बार मात दी है. पैंगोंग में चीन के अतिक्रमण की कोशिश नाकाम हुई. ब्लैक टॉप पर भारतीय सेना ने नियंत्रण कर लिया. इसके अलावा, 1962 में रेकिन ला और रेजिंग ला पर चीन ने कब्जा कर लिया था, उस पर भारत ने दोबारा नियंत्रण कर लिया.
लद्दाख की पैंगॉन्ग लेक के किनारे पहली बार चीन युद्ध लड़ने से पहले ही कई मोर्चों पर हारने लगा है. लद्दाख में पैंगोंग झील का दक्षिणी हिस्सा अब पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में हैं. यहां पर कई पहाड़ी चोटियों पर अब भारत का नियंत्रण हो चुका है. चीन ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसके विस्तारवाद पर हिंदुस्तान का पंच इतना तगड़ा होगा. हिंदुस्तान के ऑपरेशन ब्लैक टॉप का पंच इतना तगड़ा है कि चीन तिलमिला उठा है. ऑपरेशन ब्लैक टॉप ये एक ऐसा ऑपरेशन था जिसने चीन की सेना को भी हैरान कर दिया.
भारत की सैनिक कार्रवाई की शुरुआत 29 और 30 अगस्त की रात को हुई. जब पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक चोटी ब्लैक टॉप पर चीन के ऑब्जरवेशन प्वॉइंट की तरफ बढ़ते हुए 25-30 चीनी सैनिक देखे गए. चीन की सेना की आर्मर्ड रेजीमेंट और बख्तरबंद गाड़ियों की एक बटालियन भी देखी गई. इसके फौरन बाद भारतीय सैनिक एक्शन में आ गए और ब्लैक टॉप के ऊपर पहुंचकर पोस्ट पर नियंत्रण कर लिया.
इस दौरान हाथापाई की भी खबरें हैं लेकिन भारतीय सेना इसका खंडन कर रही है.
इसके बाद 30 और 31 अगस्त की रात को भी चीन की सेना ने दोबारा आगे बढ़ने की कोशिश की लेकिन इसके जवाब में भारतीय सेना ने पास की कई और पहाड़ियों पर नियंत्रण कर लिया. भारतीय सेना की ये कार्रवाई पेट्रोलिंग प्वॉइंट यानी PP 27 से PP 31 के बीच की गई है. ये सारे पेट्रोलिंग प्वाइंट अब भारतीय सेना के पास हैं. ये वो इलाके हैं जिन्हें 1962 में चीन ने कब्जा कर लिया था.
फिर भारतीय सैनिकों ने रेकिन ला और रेज़ांग ला के इलाकों पर नियंत्रण किया जहां वर्ष 1962 के बाद भारतीय सेना ने कभी अपने सैनिक नहीं भेजे। इन दोनों ही जगहों पर वर्ष 1962 में भीषण लड़ाई हुई थी. पैंगोंग झील के करीब स्पांगुर गैप के पास 'मगर हिल' और गुरुंग हिल पर भी भारतीय सैनिकों नियंत्रण कर वहां तैनाती कर ली है. यानी इस समय पेंगोंग के दक्षिण किनारे से लेकर रेज़ांग ला तक हर पहाड़ी पर भारतीय सैनिकों का नियंत्रण है.
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