नई दिल्ली: लद्दाख सीमा पर भारत-चीन (India China Border Dispute) के बीच तनाव जारी है. बॉर्डर पर तनातनी को कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत का दौर जारी है. चीन के साथ तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे लेह पहुंचे और ताजा हालात का जायजा लिया. इसके अलावा उन्होंने लेह स्थित सैनिक अस्पताल जाकर घायल जवानों का हौसला बढ़ाया. सेना प्रमुख का दौरा दो दिनों का है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 जानकारी के मुताबिक, लेह में सेना प्रमुख से नॉर्दर्न आर्मी कमांडर ले. जनरल वाई के जोशी भी मिलने पहुंचे. इसके बाद जनरल नरवणे को लेह कोर कमांडर ने सोमवार को चीनी सेना के साथ हुई मीटिंग की जानकारी दी. सेना प्रमुख ने जमीनी स्तर पर चीनी सेना और भारतीय सेना की स्थिति की जानकारी ली.


सूत्रों के मुताबिक, अब भारत और चीन के बीच पेंगांग झील विवाद का मुख्य मुद्दा बन रही है. चीन के फिंगर 4 पर निर्माण कार्य पर भारतीय सेना को सबसे ज्यादा आपत्ति है.  पेंगांग झील में ही सबसे पहले 5 मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई भी हुई थी. भारत हर हालत में 2 मई से पहले की स्थिति में वापसी चाहता है.


ये भी पढ़ें: चीनी कंपनियों को एक और बड़ा झटका, सरकारी खरीद में बताना होगा 'किस देश का है प्रोडक्ट'


 




सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना पीछे हटने को तैयार हो गई है. सोमवार को मोल्डो में भारत और चीन के बीच हुई बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है. दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर सहमति बनी है. 


आपको बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद सेना प्रमुख पहली बार लद्दाख दौरे पर हैं. इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने रविवार को लद्दाख का दौरा किया था. लद्दाख सीमा पर चीन के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं 45-50 चीनी सैनिक भी मारे गए थे.


ये भी देखें-