India China Relations: थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण, तनाव पैदा करने का सबसे बड़ा कारण बना हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि देश किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.


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जनरल ने कहा कि चीन ने सैनिकों के अवागमन, उनकी तैनाती और सैन्य अभियान से जुड़ी अन्य तैयारियों में महत्वपूर्ण वृद्धि की है, साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि एशिया के दो सबसे बड़े देशों के द्विपक्षीय संबंधों से सीमा मुद्दे को बाहर नहीं किया जा सकता है.


अतीत के समझौतों का उल्लंघन कर रहा है चीन
जनरल पांडे ने कहा कि अतीत के समझौतों/प्रोटोकॉल का उल्लंघन करके चीन द्वारा एलएसी पर अतिक्रमण किया जाना भारत के लिए चिंता का विषय है, लेकिन सेना की तैयरियां पूरे जोरों पर हैं. सेनाध्यक्ष की यह टिप्पणी मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है.


जनरल पांडे ‘चीन का उत्थान और दुनिया पर उसका प्रभाव’ विषय पर सावित्रीबाई फूले पुणे विश्वविद्यालय और नयी दिल्ली के ‘सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटेचजी’ द्वारा आयोजित दूसरे ‘रणनीतिक डायलॉग’ में बोल रहे थे.


इस कारण होते रहे हैं विवाद
जनरल पांडे ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे ऑपरेशनल वातावरण के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलु विरासत में मिले सीमा विवाद हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग सोच और विचारों तथा दावों के कारण विवाद होते रहते हैं. अतिक्रमण अब भी तनाव का महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है.’


जनरल पांडे ने कहा, ‘इसलिए, चीन-भारत सीमा प्रबंधन के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता है क्योंकि दुर्बलताओं से व्यापक संघर्ष हो सकता है.’


नई दिल्ली ने बार-बार कहा है कि बीजिंग के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं है.


(इनपुट - भाषा)


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