लिक्विड ऑक्सीजन को गैस में बदलने का रास्ता सेना ने निकाला, कोरोना मरीजों को मिलेगा फायदा
सेना के बयान में कहा गया है, `चूंकि ऑक्सीजन को क्रायोजेनिक टैंक में तरल प्रारूप में ढोया जाता है, इसलिए तरल ऑक्सीजन को ऑक्सीजन गैस में जल्द परिवर्तित करना अस्पतालों के लिए बड़ी चुनौती थी.
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने तरल ऑक्सीजन को कम दबाव वाले ऑक्सीजन गैस में तब्दील करने का समाधान ढूंढ लिया है, जिन्हें अस्पताल में कोविड-19 के रोगियों को दिया जाएगा. खुद सेना ने ही इसकी जानकारी दी
सेना ने जारी किया बयान
सेना ने बयान जारी कर कहा, 'सात दिनों से अधिक समय से सेना के इंजीनियरों ने सीएसआईआर और डीआरडीओ के सहयोग से यह समाधान ढूंढा है.' सीएसआईआर यानी वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् है. वहीं, डीआरडीओ रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन है.
अस्पतालों की मुश्किल हुई आसान
सेना के बयान में कहा गया है, 'चूंकि ऑक्सीजन को क्रायोजेनिक टैंक में तरल प्रारूप में ढोया जाता है, इसलिए तरल ऑक्सीजन को ऑक्सीजन गैस में जल्द परिवर्तित करना अस्पतालों के लिए बड़ी चुनौती थी.' इसने बताया कि इंजीनियरों ने दबाव वाले कम क्षमता के (250 लीटर) तरल ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल किया और इसे विशेष रूप से बनाए गए वाष्पीकरण एवं सीधे इस्तेमाल वाले लीक प्रूफ पाइपलाइन के आउटलेट प्रेशर (चार बार) और प्रेशर वॉल्व से गुजारा. सेना मे बताया कि ये प्रक्रिया आसान है और खर्चीली भी कम है.
कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमीं से गई लोगों की जान
भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई राज्यों में टीका, ऑक्सीजन, दवा, उपकरण और बिस्तरों की काफी किल्लत है. वहीं, देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन खत्म होने की समस्या सामने आई, जिसमें कई लोगों की मौतें भी हुईं.
दिल्ली में लगातार कम मिल रहे कोरोना के मरीज
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर लगातार कम होता जा रहा है. पिछले 24 घंटे की बात करें तो राज्य में कोविड-19 के 3846 नए मरीज मिल हैं, जो 5 अप्रैल के बाद एक दिन में मिले वाले केसों की सबसे कम संख्या है. नए मरीजों की संख्या कम होने के साथ ही पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) भी 5.78 फीसदी पर आ पहुंच है. वहीं दिल्ली में एक्टिव केसों (Active Cases) की संख्या भी 50,000 से घटकर अब 45,047 पर आ गई है, जो 13 अप्रैल के बाद सबसे कम है.