Prachand Helicopter: दिन हो या रात...बिलों में छिपे दुश्मनों पर होगा `प्रचंड` प्रहार, भारत के इस अस्त्र की ताकत देख थर्रा उठेंगे चीन-PAK
Prachand Helicopter Video: दुश्मनों की नजरों से बचने के लिए इसमें खास सिस्टम लगा है. इसके अलावा इसमें मजबूत कवच सुरक्षा और दुर्जेय रात्रि हमले की क्षमता है. इतना ही नहीं, यह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी काम करने में पूरी तरह सक्षम है.
India Weapons:भारत दो ऐसे मुल्कों से घिरा हुआ है जो हमेशा उसके खिलाफ साजिश रचते रहे हैं. बात हो रही है चीन और पाकिस्तान की. भारत के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत ने कहा था कि भारत को ढाई मोर्च के युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए. यानी भारत को एलएसी पर चीन, एलओसी पर पाकिस्तान और आतंकवादियों से युद्ध करना पड़ सकता है. शायद यही देखते हुए भारतीय सेना लगातार अपने पावरबैंक में एक से बढ़कर एक ताकतवर और घातक हथियार शामिल कर रही है. न हथियारों को हर तरह से टेस्ट किया जा रहा है.
प्रचंड ने किया ये कारनामा
सोमवार को भारतीय सेना के हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH)'प्रचंड' ने दिन और रात दोनों स्थितियों में 70 मिमी रॉकेट दागने में सफलता हासिल की. अधिकारियों के मुताबिक, असम में लिकाबाली के पास एक फायरिंग रेंज में किया प्रचंड ने यह कारनामा कर दिखाया. सेना ने 'एक्स' पर कहा, 'हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर-एलसीएच प्रचंड की 70 मिमी रॉकेट और 20 मिमी बुर्ज गन की पहली फायरिंग को दिन और रात दोनों स्थितियों में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.'
मिलिट्री एविएशन डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल एके सूरी ने एलसीएच स्क्वॉड्रन की आयुध क्षमता की रियल टाइम वेरिफिकेश के लिए तीन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के मेन हेलीकॉप्टर से गोलाबारी देखी.' LCH प्रचंड को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बनाया है. 5.8 टन वजनी और दो इंजन वाला एलसीएच विभिन्न हथियार प्रणालियों से लैस है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के टैंक, बंकर, ड्रोन और अन्य आयुधों को नष्ट कर सकता है.
ये हैं खूबियां
दुश्मनों की नजरों से बचने के लिए इसमें खास सिस्टम लगा है. इसके अलावा इसमें मजबूत कवच सुरक्षा और दुर्जेय रात्रि हमले की क्षमता है. इतना ही नहीं, यह दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी काम करने में पूरी तरह सक्षम है. हेलीकॉप्टर को जंगलों और शहरों में उग्रवाद रोधी अभियानों के साथ-साथ जमीनी बलों के लिए भी तैनात किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल धीमी रफ्तार से चलने वाले विमानों और दुश्मनों के दूर से चलने वाले एयरक्राफ्ट्स के खिलाफ भी किया जा सकता है. एलसीएच प्रचंड को पिछले साल की दूसरी छमाही में थलसेना और वायुसेना में शामिल किया गया था.
(इनपुट-पीटीआई)