कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी दोस्त अरूशा आलम का खुलासा, एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कही ये बात
Exclusive Interview Of Aroosa Alam: अरूशा आलम ने कहा कि कांग्रेस के लोग आपस में लड़ रहे हैं. तलवारें खींच रखी हैं. सिद्धू और उसकी पत्नी ही एकमत नहीं हैं मुझे क्या कहेंगे?
चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और पाकिस्तान (Pakistan) की उनकी दोस्त अरूशा आलम (Aroosa Alam) को लेकर कांग्रेस (Congress) पार्टी के नेता तमाम सवाल उठाते रहे हैं. चुनाव के माहौल में कांग्रेस नेता एक बार फिर पाकिस्तानी पत्रकार और कैप्टन की दोस्ती के रिश्ते को लेकर आरोप लगा रहे हैं. इन तमाम एकतरफा आरोपों पर सफाई के लिए ज़ी मीडिया संवाददाता ने अरूशा आलम से विशेष बातचीत की. अरूशा आलम ने पहली बार भारतीय मीडिया के साथ खुलकर कैप्टन और अपने रिश्तों से लेकर कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति पर बात की.
सवाल- क्या पंजाब चुनाव पर आपकी नजर है?
अरूशा आलम- जी बिल्कुल है मेरी नजर, मैं असल में तो पत्रकार ही हूं और मैं देखती रहती हूं भारतीय चैनल्स. आपका चैनल भी देखती हूं. हां, बेशक पंजाब की राजनीति में दिलचस्पी है.
सवाल- अरूशा आलम, क्या कैप्टन अमरिंदर को शुभकामनाएं देंगी क्योंकि इस बार उन्होंने अपनी पार्टी बनाई है, पंजाब लोक कांग्रेस और क्या उम्मीदें लग रही हैं आपको?
अरूशा आलम- जी बिल्कुल, मेरी उनके लिए बहुत सारी दुआएं हैं, वो एक बड़े अच्छे मंजे हुए सियासतदान हैं, जिनकी सियासत में जरूरत है, ठीक है ना. शुभकामनाएं तो बिल्कुल हैं. वो योद्धा हैं, मुझे लगता है वो जीतेंगे.
सवाल- आपके ऊपर भी आरोप लगते रहे हैं, सुखजिंदर सिंह रंधावा हों या बाकी लोग हों कांग्रेस के, लगातार बहुत सारे सवाल उठते रहे हैं. आपको क्या लग रहा है कि आपके ऊपर जितने भी आरोप लगाए जा रहे हैं उसके जवाब में आप क्या कहेंगी?
अरूशा आलम- देखिए मैंने बहुत ज्यादा बयान पहले ही दे दिए हैं. अब तो ये अपनी खैर मनाएं. जो मुझे नजर आ रहा है ये सब के सब. मैं तो इनको लगड़-भगड़ का एक टोला कहती हूं. एक औरत के सहारे पॉलिटिक्स अपनी चमका रहे थे. आज सारे के सारे एक दूसरे से लड़ के बैठे हुए हैं, तलवारें निकाल के बैठे हुए हैं और आप देखिएगा कि ये कितना नुकसान पार्टी का करेंगे पंजाब में. इन्होंने दरअसल बवाल पैदा कर दिया है.
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सवाल- आपको लगता है कि एक महिला का नाम लेकर और कांग्रेस के जो नेता हैं, वो ये पूरी राजनीति कर रहे थे और अभी उलझन में फंसे हुए हैं? ऐसा आप कह रही हैं.
अरूशा आलम- जी हां, बिल्कुल. उस वक्त तो इकट्ठे होकर मेरे पीछे पड़ गए थे ना, ताकि किसी तरह अपनी राजनीति को चमका सकें. अब इनके असली चेहरे सारे सामने आ रहे हैं. अब आपको पता है कि कैसे पंजाब कांग्रेस में विद्रोह हुआ है. वो तो मैं देख रही हूं और समझ रही हूं ये कर्मा है. इसे कहते हैं कुदरत का इंसाफ. एक औरत को मतलब जिसका कोई ताल्लुक वास्ता नहीं, जिन चीजों में मुझे उलझाया था इन्होंने, और जैसे-जैसे इन्होंने मुझे पेश किया था. आज अल्लाह-त-आला इनको खुद, ये अब तौबा करें कि कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए. और देखें अब बनाते हैं सरकार, कौन बनाता है, कौन सीएम बनता है?
सवाल- ये कहा जा रहा था कि कैप्टन के साथ आपकी ज्यादा मुलाकात होती रही हैं लेकिन जिस तरह से आप कह रही हैं कि कांग्रेस पार्टी के और भी नेताओं से आपकी मुलाकात रही होगी और आपका आना-जाना कई सालों से है. 15 सालों से अधिक समय से आप भारत आ रही हैं, जा रही हैं. तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्यों अब अरूशा आलम पर ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि अब आना है, जाना है. क्या आपको लग रहा है कि ये राजनीति के तहत सब कुछ किया गया था?
अरूशा आलम- जी बिल्कुल, राजनीति के तहत ही सब कुछ किया गया था. देखिए पहली बात तो ये है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह दो-तिहाई के बहुमत के साथ चुने हुए मुख्यमंत्री थे. ठीक है, इन्हीं के नाम पर वोट पड़ा और ये मुख्यमंत्री बने. जिस तरह से चोर दरवाजे से इन्होंने उनको अस्थिर किया, उनको निकाला और बाकायदा एक साजिश बनाकर निकाल दिया और एक चुने हुए आदमी को, चन्नी को लाकर बैठा दिया. जो निर्वाचित होकर आया था मुख्यमंत्री, उसको हटाकर चोर दरवाजे से एक किसी को अपनी तरफ से एक कमजोर बंदे को ले आए. अब चूंकि इनके दिल में मैल था, इनका दिल काला था, इनकी नीयत खराब थी तो अब इनको कोई न कोई रास्ता तो ढूंढना था ना कि क्या करें कि कैप्टन की इज्जत जो है वो लोगों की नजरों में नीची हो जाए. किस तरह उचित ठहराएं जो हरकत हमने की है. अलोकतांत्रिक, बहुत बेशर्मी की हद तक कि आप किसी को पीछे से छुरी मारें.
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सवाल- आपको लगता है कि कांग्रेस ने छुरी मारी है कैप्टन अमरिंदर सिंह पर और इसीलिए ये सब कुछ हुआ है?
अरूशा आलम- जरूर-जरूर, आप क्या समझती हैं, अब इन्होंने जो साजिश की थी सबने मिल-मिलाकर, सबके अपने-अपने निहित स्वार्थ थे. किसी का कोई पार्टी के साथ या पंजाब के साथ रूचि नहीं थी. तो कैप्टन को इन्होंने दीवार से लगाकर निकाला और फिर अपनी शर्म को, अपने चेहरे को ढंकने के लिए कि किस तरह उनको हम बदनाम करें, कहें कि बिल्कुल अच्छा हुआ इसको निकाल दिया, और ये किया और वो किया और उसमें अरूशा आलम जो थी ना दोनों का नुकसान.
सवाल- नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी भी लगातार आरोप लगा रहे थे, उनसे आप कुछ कहना चाहेंगी या जो भी आरोप उन्होंने लगाए हैं.
अरूशा आलम- अव्वल तो नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी जो पत्नी हैं पहले तो वो अपने आप से ही सहमत हो जाएं, उनकी कोई क्या बात मानेगा? एक कहां रहता है, एक कहां रहता है. और मिसेज नवजोत सिद्धू जो हैं उनके खिलाफ भी लोग बहुत बातें करते हैं कि पैसे लेती थीं और भ्रष्टाचार इन्होंने किया है. मंत्रालय यही चलाती थीं, इनका पति बैठा रहता था. तो अपने गिरेबान में तो झांकें, अपने गिरेबान में झांक कर बात करें. लेकिन मैं फिर उसी पर आऊंगी कि कुदरती इंसाफ हो रहा है इस वक्त. किधर सिद्धू खड़ा है, किधर उसकी पत्नी खड़ी है, किधर चन्नी खड़ा है, किधर ये सारे के सारे मौकापरस्त लोग बिखरे पड़े हैं.
सवाल- जिस तरह से यहां माहौल है, क्या आप भारत दोबारा आएंगी?
अरूशा आलम- ये बहुत मामूली सवाल है आपका, ये तो देखूंगी वक्त आने पर कि मुझे आना चाहिए कि नहीं आना चाहिए. देखिए, मैंने पाक-भारत के बीच अमन के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया है. मैं SAFMA के मंच से रिश्ते सामान्य करने के लिए लड़ती रही. मुझे भारत पसंद है.
सवाल- अच्छा ये बता दीजिए कि अगर कैप्टन जीतते हैं और अगर वो आपको बुलाते हैं तो क्या आप आएंगी, मुख्यमंत्री बने तो.
अरूशा आलम- नहीं-नहीं देखिए बात सुनिए, मुख्यमंत्री बनें ना बनें, वो मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त हैं. वो जब मुझे बुलाएंगे मैं जरूर आऊंगी.