Delhi Air Pollution: बिन बादल बरसात से धुलेगा प्रदूषण, दिल्ली फिर लेगी सांस! 20 नवंबर की ये तैयारी
Artificial Rain in Delhi: दिल्ली में प्रदूषण से निजात पाने के लिए पहली बार कृत्रिम बारिश का प्लान बनाया गया है. केजरीवाल सरकार इस प्लान को सुप्रीम कोर्ट में पेश करके प्रमीशन मांगेगी, उसके बाद यह कृत्रिम बारिश होगी.
Artificial Rain in Delhi for Controlling Air Pollution: दिल्ली में दमघोंटू हो चुके वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए केजरीवाल सरकार अब शहर में कृत्रिम बारिश करवाएगी. इसके लिए दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर से संपर्क कर इस बारे में पूरा प्लान भेजने का आग्रह किया था. यह प्लान आने के बाद उसे सुप्रीम कोर्ट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा और वहां से स्वीकृति मिलने के बाद दिल्ली में पहली बार कृत्रिम तरीके से बारिश करवाई जाएगी.
IIT कानपुर के एक्सपर्टों के साथ हुई मीटिंग
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'शहर के प्रदूषण को दूर करने के लिए IIT कानपुर के एक्सपर्टों के साथ एक मीटिंग की गई. इस बैठक में दिल्ली में कृत्रिम बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग बनाने पर चर्चा हुई. हमने एक्सपर्टों से आग्रह किया कि वे इस बारे में पूरा प्रपोजल बनाकर गुरुवार को भेज दें. जिससे उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश करके जरूरी प्रमीशन ली जा सके.'
किस दिन हो सकती है बारिश?
गोपाल राय ने कहा कि अगर आईआईटी कानपुर की ओर से फुलप्रूफ प्रपोजल मिल जाता है और उसे सुप्रीम कोर्ट भी अपनी मंजूरी दे देती है तो दिल्ली में 20 और 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश (Artificial Rain in Delhi) करवाई जा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली में इस तरह का यह पहला प्रयोग होगा.
मुंबई में हुई असली झमाझम बारिश
दिल्ली में जहां प्रदूषण से राहत पाने के लिए कृत्रिम बारिश की तैयारी हो रही है, वहीं मुंबई में बुधवार को झमाझम असली बारिश हुई. इस बारिश से मुंबई के लोगों ने राहत की सांस ली. दिल्ली-एनसीआर की तरह वहां के लोग भी बढ़ते प्रदूषण की वजह से परेशानी का सामना कर रहे थे लेकिन बुधवार को हुई बारिश से वहां पॉल्युशन में कुछ कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट फिर एक्शन में
बताते चलें कि दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स इस वक्त 500 से ऊपर चल रहा है, इसे प्रदूषण की सबसे गंभीर श्रेणी माना जाता है. इस प्रदूषण की वजह से पूरा इलाका गैस चैंबर की तरह बन गया है और लोगों का सांस लेना तक दूभर होता जा रहा है. हालात बिगड़ते देख इस बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करके केंद्र और प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है, जिसके बाद दोनों सरकारें कुछ एक्शन में आई हैं.