Arvind Kejriwal: दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में चौंकाने वाला दावा किया गया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति के बदले अपनी पार्टी को सीधे तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दिलाने में शामिल थे.


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100 करोड़ रुपये रिश्वत की साजिश


रिपोर्ट में चार्जशीट की डिटेल का हावाल देते हुए कहा गया है कि ईडी ने शराब नीति में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की भूमिका को स्थापित किया है. इसमें कहा गया है कि केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' के सदस्यों और विजय नायर जैसे अन्य लोगों के साथ मिलकर शराब नीति तैयार करने और उसे लागू करने के लिए 100 करोड़ रुपये रिश्वत लेने की साजिश रची.


ईडी की चार्जशीट में चौंकाने वाला दावा


ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि नायर, केजरीवाल सहित आप के शीर्ष नेताओं की ओर से काम कर रहा था. इसमें यह भी कहा गया है कि इस 100 करोड़ रुपये में से आम आदमी पार्टी ने लगभग 45 करोड़ रुपये गोवा चुनाव के अभियानों में लगाए. कैश ट्रांजैक्शन/हवाला ट्रांजैक्शन के जरिये अपराध की इस आय को छुपाया. ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि हवाला के जरिये गोवा पहुंचने वाले पैसे का मैनेजमेंट चैरियट प्रोडक्शंस के एक कर्मचारी चनप्रीत सिंह ने किया था. इसके लिए चनप्रीत सिंह को 1 लाख रुपये दिए गए थे.


केजरीवाल की जमानत के खिलाफ ईडी की अर्जी


बता दें कि दिल्ली हाइकोर्ट ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में अरविंद केजरीवाल की जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका को 15 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है. इससे पहले हाइकोर्ट ने निचली अदालत के 20 जून के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत केजरीवाल को मामले में जमानत दी गई थी.


ईडी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा


न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा को ईडी के वकील ने सूचित किया कि जांच एजेंसी को उसकी अर्जी पर केजरीवाल के जवाब की प्रति मंगलवार देर रात 11 बजे ही मिली. ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय की जरूरत है. वहीं, केजरीवाल के वकील ने दावा किया कि मामले के जांच अधिकारी (आईओ) को दोपहर एक बजे जवाब की प्रति सौंप दी गई थी. केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी ने अदालत के सामने मामले का जिक्र करते हुए कहा कि सुनवाई के लिए निश्चित समय निर्धारित किया जाना चाहिए, क्योंकि मामले में अत्यधिक तात्कालिकता है.