Ashok Gehlot Press Conference: राजस्थान (Rajasthan) में आज हुई ईडी (ED) की कार्रवाई पर सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) भड़क गए हैं. दरअसल, आज राजस्थान कांग्रेस चीफ गोविद डोटासरा के ठिकानों पर छापेमारी हुई. इससे पहले बुधवार को सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी समन दिया गया. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में छापे का आतंक है. बीजेपी एजेंसियों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है. बीजेपी हमारा गारंटियां रोकना चाहती है. डोटासरा के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है. मेरे बेटे वैभव गहलोत को भी समन भेजा गया है. ऐसे ED, CBI और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों की क्रेडिबिलिटी नहीं रहेगी. पूरे देश में आतंक मचा रखा है. सवाल मेरे बेटे या पीसीसी चीफ का नहीं है. कोई केस दर्ज नहीं, कोई नोटिस नहीं दिया. उसके बाद ये कार्रवाई हुई.


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ईडी के एक्शन पर गहलोत का सवाल


राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि किरोड़ी मीणा पूरी तरह से मिले हुए हैं. अपने एक टिकट के खातिर वो मिले हुए हैं. वो गणपति प्लाजा में धरना देते हैं और ED पहुंच गई. क्या यह काम ED का है? डोटासरा किसान का बेटा है. आज पीसीसी चीफ के यहां ED की कार्रवाई होना मायने रखता है. वैभव गहलोत को भी कल नोटिस मिला है और 26 अक्टूबर को बुलाया. एक दिन का समय दे रहे हैं. यह क्या है?


जहां चुनाव, वहीं ED क्यों आती है?


मुख्यमंत्री गहलोत ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां चुनाव, वहीं ED क्यों आती है? केंद्र सरकार मुझे ही तो टारगेट कर रही है. राजस्थान में सरकार गिरा नहीं पाए. इसका दर्द केंद्र सरकार को है. जनता हमारे साथ है. चाहे किसी एजेंसी का दुरुपयोग कर लो, यहां बीजेपी साफ हो जाएगी.


किन मामलों में आ चुका है वैभव गहलोत का नाम?


जानकारी के मुताबिक, ईडी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को फेमा मामले में पूछताछ के लिए जयपुर में बुलाया है. सूत्रों के अनुसार, वैभव गहलोत को मिले समन का कनेक्शन ‘ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड’ और इसके डायरेक्टर्स व प्रमोटर शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य के खिलाफ ईडी की रेड से है. रेड में ईडी ने 1.2 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश जब्त किया था.


पेपर लीक केस में भी मिल चुका है समन


गौरतलब है कि इससे पहले वैभव गहलोत को पेपर लीक केस में भी सीबीआई समन दे चुकी है. बता दें कि 2019 में वैभव गहलोत ने लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, इलेक्शन में उनकी करारी हार हुई थी. बीजेपी उम्मीदवार गजेंद्र सिंह शेखावत ने ढाई लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से वैभव गहलोत को हरा दिया था.