Ashok Hotel Rooms: 550 कमरे, 70 साल पुराना इतिहास और पूर्व पीएम राजीव गांधी और सोनिया गांधी के रिसेप्शन का गवाह. हम बात कर रहे हैं देश के पहले फाइव स्टार अशोक होटल की, जो अब बिकने के लिए तैयार है. सरकार इस होटल को निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी कर रही है. टूरिज्म मंत्रालय को नीति आयोग ने होटल का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश दिया है. साल 1956 में बने इस होटल को सरकार अब 60 साल की लीज पर देने की योजना बना रही है. सूत्रों के मुताबिक, जिस भी कंपनी के हाथों में यह होटल आएगा, उसे इसका कायाकल्प करने में करीब 550 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. 


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मोदी सरकार उम्मीद कर रही है कि 40 साल की लीज के लिए उसको 10 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं. साल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भी एक साल का ही वक्त बचा है.ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या तब तक यह काम पूरा हो पाएगा? हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कई कंपनियों ने इस होटल के लिए रुचि दिखाई है. 


25 एकड़ में बना है होटल


25 एकड़ जमीन पर बना यह होटल करीब 7 दशक पुराना है. नीति आयोग ने इसकी इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट मंगवाया है. इसके अलावा बिड के दस्तावेजों के साथ-साथ रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल का कामकाज भी जारी है. इसके डिसइन्वेस्टमेंट के लिए सरकार ने रोड शो तक किए थे. अशोक होटल के लिए एचएलवी लिमिटेड, विंडहैम होटल्स, ताज होटल्स, हिल्टन आगे आए हैं. 


क्या हैं खासियतें


अशोक होटल में 550 कमरे हैं. इनमें एक प्रेसिडेंशियल सुइट के अलावा 389 कमरे और 161 सुइट्स हैं. सरकार इस होटल को 30 साल के लिए लीज पर देने की प्लानिंग कर रही है. इस लीज को 30 वर्ष के लिए बढ़ाया भी जा सकता है. बोली में जो भी कंपनी जीतेगी, वह 1.8 एकड़ भूमि पर कमर्शियल एक्टिविटीज तैयार कर सकेगी. 


चूंकि यह होटल राजधानी दिल्ली के डिप्लोमैटिक एन्क्लेव में है इसलिए कंपनियां ज्यादा उत्साहित हैं. मैरिएट इंटरनेशनल, जो दुनिया की सबसे बड़ी होटल कंपनी है, उसने हाल ही में कहा था कि उसने अशोक होटल के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया पर नजर बनाई हुई है. पहले कार्यकाल में ही मोदी सरकार अशोक होटल के मैनेजमेंट को प्राइवेट कंपनी को सौंपने की तैयारी में थी. लेकिन वह इसकी भूमि अपने नियंत्रण में रखना चाहती थी. इसलिए कंपनियों ने रुचि नहीं दिखाई.


अब लंबे वक्त के लिए मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट के जरिए प्राइवेट प्लेयर्स को बढ़ावा दिया जा रहा है. चाणक्यपुरी इलाके में 25 एकड़ भूमि खरीदना किसी कंपनी के लिए आसान नहीं होगा. साल 2007 में द लीला होटल्स ने इस इलाके में तीन एकड़ का प्लॉट खरीदा था. तब यह सौदा 611 करोड़ रुपये में हुआ था. ऐसे में अशोक होटल ज्यादा प्राइम लोकेशन पर है और उसके पास 25 एकड़ जमीन भी है. यही वजह है कि कई कंपनियां मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट के विकल्प के कारण ही आगे आई हैं. 


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