गुवाहाटी: असम की राजधानी शहर गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर सुबह सात बजे से साढ़े नौ बजे तक भटकते 5 रोहिंग्या नागरिकों पर शक़ होने पर आरपीएफ के गस्त लगा रहे जवानों ने पकड़ा. इन रोहिंग्या नागरिकों को गुवाहाटी रेलवे स्टेशन स्तिथ आरपीएफ की टीम के इंस्पेक्टर प्रसन्न दोईमारी की अगुवाई में पकड़ा गया.


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इनके पास से भारतीय नागरिकता के फर्जी दस्तावेज के अलावा म्यांमार निर्मित की सिगरेट, तंबाकू जैसी चीजें बरामद हुईं. इनके पास से आरपीएफ के मांगने पर भारतीय नागरिकता का कोई भी वैध दस्तावेज नहीं मिला था, इसलिए पाचों पर आरपीएफ को शक हुआ और जांच करने पर वैध पासपोर्ट भी नहीं मिला. 


गिरफ्तार पांच आरोपियों में से 4 पुरुष और 1 महिला है. पांचों की औसत आयु वर्ग 20 से 25 के बीच है। इन पांचों के पास से दिल्ली जाने वाली ट्रेन की 4 जनरल टिकट भी मिलीं. आरपीएफ की पूछताछ के दौरान इन पांचों ने कबूला कि ये म्यांमार के रोहिंग्या नागरिक हैं और 2018 के मार्च में भारत में सीमांत राज्य मणिपुर के रास्ते घुसने की कोशिश के दौरान पकड़े गए थे और बाद में एक साल मणिपुर की राजधानी इंफाल जेल में बिताने के बाद जमानत पर छूट गए थे. इसके बाद से ये पांचों मणिपुर से फ़रार थे. 


गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के आरपीएफ थाने के दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, पांचों ने कबूला की कि वे म्यांमार देश के रखायंन प्रां के रहने वाले हैं. पकड़े गए आरोपियों की पहचान 24 वर्षीय आरोफा, 21 वर्षीय मोहम्मद जुबर, 19 साल के मोहम्मद कमल हुसैन, 19 वर्षीय नुरुल हाकिम और मोहम्मद कलीमुला शामिल हैं.


 



आरपीएफ ने बताया कि जमानत मिलने के बाद ये पांचो मणिपुर से भाग कर सड़क मार्ग से गुवाहाटी रेल स्टेशन पहुंच कर दिल्ली रोजी-रोटी की तलाश में जाने की कोशिश में दिल्ली जाने वाली कोई भी ट्रेन के इंतज़ार में थे. पांचों रोहिंग्या टूटी-फूटी हिंदी बोलते हैं पर एक साल से मणिपुर के इंफाल के जेल में रहने के दौरान थोड़ी बहुत मणिपुरी भी सीख चुके थे. 


टूटी-फूटी हिंदी और थोड़ी मणिपुरी बोली जाने के कारण गुवाहाटी रेलवे स्टेशन में तैनात आरपीएफ के जवानों को इन 5 रोहिंग्याओं से पूछताछ में थोड़ी परेशानी भी आई पर मणिपुरी बोली के आरपीएफ जवान की मदद से पांचों से तफ्तीश करने में परेशानी नहीं हुई. आरपीएफ ने जीआरपीएफ को पांचों को सुपुर्द कर दिया है और इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक जीआरपीएफ पूछताछ जारी रखी है और पूरी छानबीन के बाद ही उचित कानूनी धाराओं के साथ जेल भेजने की बात कही गई है.