Atal Bihari Vajpayee Era Ends in BJP: मध्य प्रदेश की सत्ता से शिवराज सिंह चौहान की विदाई के साथ बीजेपी में अटल युग के लगभग सभी क्षत्रपों का भी अवसान हो गया है. अब बीजेपी शासित सभी राज्यों में वे सीएम शासन कर रहे हैं, जिन्हें मोदी-शाह की जोड़ी ने चुना है. इस बदलाव के साथ ही पार्टी पर मोदी-शाह की पकड़ और मजबूत हो गई है. आप बीजेपी का प्रोफाइल देख लीजिए, आपको पार्टी में हुए इस बदलाव के बारे में साफ पता चल जाएगा. 


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16 राज्यों में सत्ता में बीजेपी


देश के 29 राज्यों में से 16 में बीजेपी इस वक्त सरकार में है. इनमें से 8 राज्यों में बीजेपी की अपनी सरकार है, जबकि 8 राज्यों में वह सरकार में सहयोगी है. जिन राज्यों में बीजेपी की अपनी सरकार है, उनके नाम हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, गोवा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश हैं. वहीं जिन राज्यों की सरकार में बीजेपी सहयोगी की भूमिका में है, उनके नाम मेघालय, पुडुचेरी, त्रिपुरा, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, महाराष्ट्र और त्रिपुरा हैं. 


मोदी- शाह युग के चुने सीएम


अब बीजेपी शासित राज्यों के सीएम के नाम देख लीजिए. यूपी में योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी, असम में हिमंता बिस्वा सरमा, गोवा में प्रमोद सावंत, छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय, मध्य प्रदेश में मोहन यादव, त्रिपुरा में माणिक साहा, मणिपुर में एन बीरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू हैं. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल को छोड़कर बाकी सभी सीएम मोदी युग के हैं, जिन्हें पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने इस पद पर बिठाया है. 


पीएम मोदी से खट्टर के पुराने संबंध


मनोहर लाल खट्टर भले ही अटल युग के हों लेकिन वे आरएसएस के बहुत पुराने समर्पित स्वयंसेवक रहे हैं. इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनके वर्षों पुराने घनिष्ठ संबंध हैं. यही वजह है कि वे लगातार दूसरे टर्म में भी हरियाणा के सीएम की कुर्सी पर बने हुए हैं. हालांकि उनके अलावा अटल युग का कोई नेता अब बीजेपी में सीएम नहीं बचा है. पार्टी के सभी मौजूदा सीएम मोदी युग के हैं.


बीजेपी में नहीं चलेगी राजनीतिक विरासत


अभी राजस्थान में नए सीएम का नाम सामने आना बाकी है. माना जा रहा है कि वहां पर भी बीजेपी की ओर से सरप्राइज नाम सामने आने वाला है, जो मोदी युग का नेता होगा. राजनीति पर गहरी पकड़ रखने वाले एक्सपर्ट इसे पार्टी में संक्रमणकाल बता रहे हैं. एक्सपर्टों के मुताबिक बीजेपी के सीएम की लिस्ट से साफ जाहिर है कि अब अपनी वरिष्ठता या राजनीतिक विरासत के आधार पर कोई नेता बीजेपी में आगे बढ़ने का दावा नहीं कर सकता. अब नेताओं को जनता में गहरी पकड़ के साथ ही मोदी- शाह की गुड बुक में भी रहना होगा, तभी उसकी राजनीति की गाड़ी आगे बढ़ पाएगी वरना पंक्चर हो जाएगी.