Atal Setu Pul Crack news: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) के नाम पर मुंबई में बने अटल सेतु में आई दरार की खबर पर सियासत तेज हो गई है. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने ब्रिज की गुणवत्ता पर सवाल उठाए तो BJP ने फौरन पलटवार करते हुए कहा-  'कांग्रेस देशभर में लगातार झूठ के जरिए अपना प्रोपेगेंडा फैला रही है. कांग्रेस झूठ की सियासत कर रही है और झूठ के पैर नहीं होते हैं. यही वजह है कि कांग्रेस पिछले कुछ महीनों  से आरक्षण और अन्य मुद्दों पर और फेक न्यूज़ फैला रही है.'


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Atal Setu Pul Crack News: क्रैक पर सियासत जारी


झूठ फैलाकर सियासी रोटी सेकनी हो या अपनी राजनीति चमकानी हो, वो अलग बात है लेकिन मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानी अटल सेतु में दरार की खबर जंगल में लगी आग की तरह फैली. ये पोस्ट सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हुई. जिसके बाद प्रोजेक्ट डायरेक्टर को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा, 'ये झूठ है कि पुल में दरार आ गई है. इस तरह की फर्जी बातें की जा रही हैं. अटल सेतु पैकेज 4 के प्रोजेक्ट हेड ने ये भी कहा कि इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं. दरार अटल सेतु में नहीं बल्कि कहीं और है.'


अटल सेतु की वो पांच बातें जो लोग नहीं जानते


1. पुल की रिकॉर्ड लेंथ: अटल सेतु भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है. जिसकी लंबाई करीब 22 किलोमीटर है. इसका 16.5 किलोमीटर समुद्र के ऊपर और बाकी 5.5 किलोमीटर जमीन पर है.


2. इंजीनियरिंग का चमत्कार: अटल सेतु इंजीनियरिंग का नायाब नमूना और चमत्कार है. जिसमें यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के भरपूर इंतजाम हैं. ब्रिज में एक इमरजेंसी एक्जिट रोड और वेंटिलेशन सिस्टम लगा हुआ है. जो इसे किसी भी तरह की अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सक्षम बनाता है. इस पुल को दोनों दिशाओं से ट्रैफिक फ्लो संभालने के हिसाब से डिजाइन किया गया है.


3. इन्फ्रा बूस्ट: इसका आधिकारिक नाम 'अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु' है. इसका उद्घाटन 12 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. ये ब्रिज मुंबई के बुनियादी ढांचे के विकास में एक मील का पत्थर साबित हुआ. इससे उन लोगों को फौरन राहत मिली, जिन्हें मौसम या यातायात की भीड़ के कारण अपने सफर में व्यवधान का सामना करना पड़ा था.


4. टाइम इज मनी-यात्रा का समय कम हो गया: कहते हैं कि समय ही पैसा है. अगर आपने अपना समय बचा लिया तो सबकुछ बचा लिया. अटल सेतु ने नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को त्वरित कनेक्टिविटी प्रदान की है. इस ब्रिज से मुंबई से दक्षिण भारत, पुणे और गोवा जाने में लगने वाला समय भी कम हो गया है. इसके साथ ही, इससे जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और मुंबई पोर्ट की कनेक्टिविटी भी मजबूत हुई. अटल सेतु न सिर्फ मुंबई की लाइफ लाइन है बल्कि महाराष्ट्र के सकल विकास की एक धुरी बन चुका है. लोगों की यात्रा का समय बच रहा है. वहीं कई अहम क्षेत्रों के बीच इस ब्रिज की वजह से कनेक्टिविटी बढ़ी है.


5.पर्यावरण अनुकूल: अटल सेतु को बनाने में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया. इसके निर्माण के दौरान समुद्री जीवन को नुकसान पहुंचाने वाली ध्वनि और कंपन को कम करने के सभी उपाय किए गए थे. ऐसे में इस ब्रिज से सभी को किसी न किसी तरह से फायदा हुआ है. 


ऐसे में मुंबई की एक कनेक्टिंग रोड में पड़ी दरार को अटल सेतु में पड़ी दरार बताकर जब कांग्रेस ने राज्य की महायुति और केंद्र की एनडीए सरकार को घेरने की कोशिश की इसके बाद सियासी घमासान मच गया.