Pandit Dhirendra Shastri: बागेश्वर बाबा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले श्याम मानव बोले- धमकियां आती रहती हैं, मुझे डर नहीं लगता
Shyam Manav Statement: धमकी मिलने के बाद श्याम मानव ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुझपर धमकियों का असर नहीं होता है. मुझे धमकियां आती रहती हैं. इसपर सरकार को कदम उठाना है.
Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम के चर्चित पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती देने वाले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के उपाध्यक्ष श्याम मानव को जान से मारने की धमकी मिली, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई. श्याम मानव की सुरक्षा में अब SPU के दो जवानों के अलावा दो गनमैन और 3 पुलिसकर्मी भी मौजूद रहेंगे. पहले उनकी सुरक्षा में महाराष्ट्र स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट के 2 जवान तैनात रहते थे. इनके पास हथियार भी होता था. वहीं, धमकी मिलने के बाद श्याम मानव ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुझपर धमकियों का असर नहीं होता है. मुझे धमकियां आती रहती हैं. इसपर सरकार को कदम उठाना है.
श्याम मानव ने कहा, मुझे पहले Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. मुझपर धमकियों का असर नहीं होता है. मैं सत्य का आग्रह करता हूं. मैंने रामकथा का स्वागत किया है, लेकिन धीरेंद्र पंडित अंधश्रद्धा फैला रहे हैं. श्याम मानव ने कहा कि, पंडित धीरेंद्र शास्त्री दिव्य शक्ती का दावा करते हैं. ये एक तरह से ठगी है. धीरेंद्र महाराज नागपुर में सुरक्षित वातावरण में दिव्य शक्ति को सिद्ध करें. उन्होंने कहा, मैंने धर्म का विरोध नहीं किया, मैं दिव्या शक्ति के नाम पर ठगी का विरोध करता हूं. बता दें कि अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दिव्य दरबार और प्रेत दरबार की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिए जाने का आरोप था.
समिति ने क्या आरोप लगाया?
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के, धीरेंद्र शास्त्री की जो 'दिव्य दरबार' नाम से सभा की जाती है, उसमें दो कानूनों का उल्लंघन होता है. वो कानून हैं हाराष्ट्र का ‘जादू-टोना’ विरोधी कानून, 2013 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट, 1954. समिति ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की भी मांग की है. संगठन महाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ काम करता है.
इसे साल 1989 में बनाया गया था. इसकी स्थापना नरेंद्र दाभोलकर ने की थी. इनकी साल 2013 में हत्या कर दी गई थी. इस संगठन के मुताबिक, इसका काम लोगों को गुमराह करने वाले ‘अंधविश्वासों के खिलाफ काम करना है. इसका मकसद वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार करना है.
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