बहराइच में बवाल के 100 घंटे... रामगोपाल की हत्या से सरफराज के एनकाउंटर तक जानें हर बड़ा अपडेट
Bahraich Violence Timeline: रविवार शाम (13 अक्टूबर) को मुस्लिम इलाके से दुर्गा प्रतिमा जुलूस निकल रहा था. तब स्थानीय लोगों ने म्यूजिक बंद करने को कहा. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हो गई और दो ग्रुप्स के बीच पथराव और झगड़ा शुरू हो गया.
Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश का बहराइच इस कदर हिंसा की आग में झुलस जाएगा 100 घंटे पहले शायद ही किसी ने सोचा हो. रविवार शाम से शुरू हुआ तनाव अब तक जारी है. लोगों के बीच गुस्सा है और नाराजगी भी. अब तक अब्दुल हमीद के अलावा 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि आरोपी सरफराज और तालिब का एनकाउंटर हो गया है. उनको गोली लगी है और अस्पताल में इलाज चल रहा है. आइए आपको बताते हैं कि पिछले 100 घंटे में बहराइच में कब क्या हुआ?
रविवार शाम (13 अक्टूबर) को मुस्लिम इलाके से दुर्गा प्रतिमा जुलूस निकल रहा था. तब स्थानीय लोगों ने म्यूजिक बंद करने को कहा. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हो गई और दो ग्रुप्स के बीच पथराव और झगड़ा शुरू हो गया.
पुलिस के मुताबिक, कुछ लोगों ने पथराव का विरोध किया. इसके बाद फायरिंग होने लगी और इसकी चपेट में आकर स्थानीय युवक रामगोपाल मिश्रा घायल हो गया. अस्पताल पहुंचने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया. बताया यह भी गया कि वह किसी की छत पर जाकर धार्मिक झंडा उतार रहा था.
Bahraich Encounter: बहराइच हिंसा पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, आरोपी सरफराज और तालिब का एनकाउंटर
घटना के बाद सोमवार को भी बहराइच में जबरदस्त हिंसा हुई और उपद्रवियों ने दुकानों और घरों को आग लगा दी. हालात को काबू करने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई. एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश खुद उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए हाथ में पिस्टल लेकर सड़क पर उतर पड़े थे.
इसके बाद सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि रामगोपाल को मौत के घाट उतारने से पहले उसे प्रताड़ित किया गया. उसे करंट मारा गया, नाखून उखाड़े गए और तलवार से मारा गया. हालांकि पुलिस ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह बातें बेबुनियाद हैं. और पोस्टमॉर्टम में मौत का कारण गोली लगना पाया गया है.
बहराइच में हालात को देखते हुए 12 कंपनी पीएससी, 2 कंपनी सीआरपीएफ, 1 कंपनी आरएएफ और गोरखपुर ज़ोन की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया. माहौल को बेहतर बनाने के लिए 4 आईपीएस, 2 एएसपी, 4 सीओ की तैनाती की गई. मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्राउंड जीरो पर एडीजी कानून-व्यवस्था और गृह सचिव को भेजा गया था. बहराइच की परिस्थिति पर मुख्यमंत्री भी सीधी नजर रखे हुए थे. अधिकारियों को सीधा निर्देश दिया गया है कि एक भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए.
इस बीच 17 अक्टूबर यानी गुरुवार को बहराइच हिंसा के पांच आरोपियों को नेपाल भागते समय मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया. इनमें से दो सरफराज और तालिब गोली लगने से घायल हुए. यह मुठभेड़ नानपारा कोतवाली के बाईपास पर हुई. हत्या के आरोप में अब्दुल हमीद और उसके बेटे सरफराज उर्फ रिंकू उर्फ सलमान, फहीम अलावा राजा उर्फ साहिर, ननकउ, मारुफ और 4 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था.