Maharashtra Politics: बाल ठाकरे की 10वीं पुण्य तिथि पर उद्धव गुट ने स्मारक पर क्यों छिड़का गोमूत्र? सामने आई ये बड़ी वजह
Balasaheb Thackeray Death Anniversary: बालासाहेब ठाकरे की 10वीं पुण्य तिथि पर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं ने उनके स्मारक पर गोमूत्र का छिड़काव किया. उन्होंने ऐसा क्यो किया, इसकी बड़ी वजह भी बाद में सामने आई.
Balasaheb Thackeray 10th death anniversary: शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की 10वीं पुण्यतिथि से एक दिन पहले गुरुवार को पार्टी के दोनों गुटों में एक बार फिर टकराव देखने को मिला. उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं से आमना-सामना होने से बचने के लिए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बुधवार को बाल ठाकरे (Balasaheb Thackeray) की समाधि पर जाकर उन्हें पुष्प अर्पित किए. उनके जाने के बाद ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं ने समाधि पर गोमूत्र (Gau Mutra) छिड़कर उसे 'पवित्र' किया, जिस पर शिंदे गुट के नेताओं का पारा चढ़ गया.
सीएम शिंदे ने बाल ठाकरे को दी श्रद्धांजलि
बताते चलें कि देश में हिंदुत्व राजनीति के बड़े पैरोकार और महाराष्ट्र के प्रभावी नेता रहे बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) का 17 नवंबर 2012 को निधन हो गया था. उनकी गुरुवार को 10वीं बरसी थी. जिस पर उद्धव ठाकरे गुट ने उनके स्मारक पर बड़ा कार्यक्रम किया. उद्धव और आदित्य ठाकरे से सीधा आमना-सामना होने से बचने के लिए सीएम एकनाथ शिंदे बुधवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में बने बाल ठाकरे स्मारक पर पहुंचे और उनकी समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
ठाकरे गुट ने स्मारक पर छिड़का गोमूत्र
सीएम शिंदे (Eknath Shinde) के जाते ही वहां पर उद्ध ठाकरे गुट के काफी कार्यकर्ता शिवाजी पार्क में इकट्ठे हो गए. उनमें से एक कार्यकर्ता ने हाथों में गोमूत्र (Gau Mutra) की बोतल पकड़ी हुई थी. उस कार्यकर्ता ने स्मारक पर गोमूत्र छिड़कर उसे कथित रूप से पवित्र किया. ठाकरे गुट के कार्यकर्ता इस बात से नाराज थे कि शिंदे ने उद्धव ठाकरे से विद्रोह करके महाराष्ट्र में खुद की सरकार क्यों बना ली.
शिंदे गुट ने घटना पर जताई कड़ी आपत्ति
ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं की इस हरकत पर शिंदे गुट के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है. शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि उनकी पार्टी इस हरकत की कड़ी निंदा करती है. बालासाहेब (Balasaheb Thackeray) पर किसी भी एक व्यक्ति या पार्टी का हक नहीं हो सकता. वह एक पुण्य आत्मा थे और उनकी इज्जत सभी पार्टियां करती हैं.
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