Bala Saheb Death Anniversary:  कुछ लोग सियासत को अपने हिसाब से दिशा देते हैं तो कुछ लोगों के लिए सियासत उनके मंजिल तक पहुंचने का रास्ता बनाती है. यहां हम जिस शख्स का जिक्र करेंगे उन्होंने सियासत को अपने नजरिए में कैद किया. उन्होंने बताया कि सियासी अखाड़े से दूर रह कर भी राजनीति की पिच पर बैटिंग और बोलिंग दोनों की जा सकती है. जिस कद्दावर शख्सियत की हम बात करने जा रहे हैं उनकी पहचान से आप वाकिफ होंगे, वो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी विराट शख्सियत की चर्चा कुछ खास मौकों पर हो ही जाती है. जी हां बात बाला साहेब ठाकरे की हो रही है जिनकी 11वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है, आज ही के दिन साल 2012 में 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी. 


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गर्म मिजाज वाले थे बाला साहेब


बाला साहेब ठाकरे वैसे तो कार्टूनिस्ट थे. समाचार पत्रों में कार्टून बना कर राजनीति व्यवस्था पर प्रहार करते थे. शुरुआत से ही उनकी दिलचस्पी राजनीति में थी या नहीं इसके बारे में कई विचार हैं. हालांकि उन्हें जब यह लगने लगा कि मराठी लोगों के हितों पर पर प्रांतीय प्रहार कर रहे हैं तो नजरिया बदला और आंदोलन छेड़ दिया. पर प्रांतियों के प्रति उनके व्यवहार की तीखी आलोचना भी हुई. लेकिन उन्होंने अपने नजरिए को नहीं बदला. आंदोलन को धार देने के लिए शिवसेना गठित की. उनके किसी बयान की जब तीखी आलोचना होती थी वो उसका जवाब देने से पीछे नहीं हटे. इन सबके बीच व्यक्तिगत तौर पर उनकी फिल्मों और क्रिकेट में रुचि भी थी. यहां पर हम एक खास प्रसंग का जिक्र करेंगे जो मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से जुड़ी है. सचिन तेंदुलकर को आदर दुलार मान सम्मान खूब देते थे. लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया जब वो तेंदुलकर पर भड़क उठे. बुरा भला कहा, सलाह भी दी और एक तरह से शिवसेना के मुखपत्र में धमकी भी दे डाली. 


जब मास्टर ब्लास्टर को लगा दी डांट


दरअसल जब शिवसेना की तरफ से पर प्रांतियों के मुद्दे ने जोर पकड़ना शुरू किया उस समय सचिन तेंदुलकर से सवाल किया गया. सचिन तेंदुलकर ने अपने जवाब में कहा था कि महाराष्ट्र, भारत का ही हिस्सा है और हर एक भारतीय का हक है.मास्टर ब्लास्टर के इस बयान पर बाला साहेब कुछ इस कदर भड़के कि यहां तक कह डाला कि अच्छा होगा कि वो राजनीतिक विषयों पर टिप्पणी करने से परहेज करें. सचिन तेंदुलकर सिर्फ क्रिकेट ही खेलें और सियासी पिच पर बल्लेबाजी करने से परहेज करें.


इतना ही नहीं यह भी लिख डाला कि क्रिकेट की पिच पर जो कुछ कमाया है उसे राजनीति की पिच पर मत गंवाओ. अभी यह प्रेम के साथ तुमको संकेत है, तुम्हारे चौके और छक्के पर लोग तालियां बजाते हैं. लेकिन मराठी समाज के मामले में अपनी जीभ को बैट ना बनाओ. इस तरह से अगर मराठी भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश करोगे तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस तरह से उन्होंने संदेश दिया कि क्रिकेट की पिच तक आप सही हैं. लेकिन सियासी पिच पर बैटिंग करने से परहेज करेंगे तो आपके लिए बेहतर रहेगा.