Bamboo crash Barrier: सड़क हादसों पर लगाम लगाने की कवायद, अब नवाबी नगरी लखनऊ में भी `बाहुबल्ली`
Lucknow Shaheed Path News: अब अगर आप लखनऊ में शहीद पथ पर यात्रा करेंगे तो नजारा कुछ बदला होगा. सड़क किनारे स्टील क्रैश बैरियर की जगह अब बैंबू क्रैश बैरियर का इस्तेमाल किया गया है. एनएचएआई का कहना है कि स्टील बैरियर की तुलना में यह कई मायने में फायदेमंद है.
Bamboo Crash Barrier News: आप जब हाइवे पर यात्रा करते होंगे तो सड़क किनारे स्टील के बैरियर नजर आते होंगे. उस बैरियर का मकसद आपको हादसे से बचाने के लिए होता है ताकि आप किसी गड्ढे या खाईं में ना गिरें. दुनिया भर के देशों में इन स्टील बैरियर का इस्तेमाल होता है. भारत में भी नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने इसका इंतजाम किया है. यहां हम बात करेंगे नवाबी नगरी लखनऊ की. लखनऊ के शहीद पथ पर भी आपने स्टील के बैरियर को देखा होगा. लेकिन अब उस पथ के कुछ हिस्सों पर बैंबू यानी बांस के बने क्रैश बैरियर को लगाया गया है.
हादसों से बचाने की कोशिश
उत्तर प्रदेश के किसी हिस्से में पहली बार इसका इस्तेमाल किया गया है. एनएचएआई का कहना है कि इसका बड़ा फायदा है कि टकराने के बाद तेज गति वाले वाहन की रफ्तार कम हो जाती है. इसके साथ ही गाड़ी किसी गहरे खड्डे में गिरने से भी बच जाती है. शहीद पथ पर समिट बिल्डिंग के सामने 500 मीटर की लंबाई में इसे लगाया गया है.
महाराष्ट्र में पहली बार हुआ था इस्तेमाल
दुनिया के पहले बैंब क्रैश बैरियर को महाराष्ट्र के वाणी-वरोरा हाइवे पर करीब 200 मीटर की लंबाई में लगाया गया था. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ना सिर्फ कोई वाहन गड्ढे या खाईं में गिरने से बचता है बल्कि वाहन सवार को भी चोट कम आती है. दूसरा बड़ा फायदा इसके ईको फ्रेंडली होने का है. अभी तक हाइवे पर क्रैश बैरियर के तौर पर स्टील का इस्तेमाल होता है.