नई दिल्ली: आज से करीब 70 साल पहले भारत में एक ऐसा प्रोडक्‍ट लॉन्‍च कि‍या गया, जि‍से कि‍सी कंपनी ने कस्‍टमर्स की जरूरत को देखते हुए नहीं बनाया. ये वो प्रोडक्‍ट था जिसे एक राजनेता के कहने पर देश के दि‍ग्‍गज इंडस्‍ट्रलि‍स्‍ट ने बनाया था. वो भी महि‍लाओं का ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट तब लोकल प्रोडक्ट की डिमांड करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Ex PM J L Nehru) थे. प्रोडक्ट बनाने वाले इंडस्‍ट्रलि‍स्‍ट जेआरडी टाटा (JRD Tata) थे और प्रोडक्‍ट था ‘लैक्मे’ (Lakme). आइए जानते हैं लैक्मे को कब और क्‍यों लॉन्‍च कि‍या गया.


लैक्मे की दिलचस्प कहानी


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1952 में शुरू होने वाला Lakme ब्रांड जल्द ही देश के सबसे सफल ब्रांड के रूप में जाना जाने लगा था, इस कंपनी को बाद में हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड (HLL) को बेचा गया क्योंकि जेआरडी टाटा ने सोचा कि HLL ही भविष्य में इसके साथ बेहतर न्याय कर पाएगी.



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एक सर्वे के मुताबिक, Lakme को भारत में टॉप 20 भरोसेमंद ब्रांड्स में से एक माना जाता है. ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी को बनाने का आइडिया सबसे पहले किसके दिमाग में आया था. तो आप शायद कह सकते हैं कि ये तब के दूरदर्शी उद्धोगपति जेआरडी टाटा के दिमाग की उपज है. क्योंकि उन्होंने ही देश की पहली एयरलाइंस की नींव रखी थी. लेकिन ऐसा नहीं है, दरअसल ये बिजनेस आइडिया देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की सोच से साकार हुआ.


70 साल पहले की कहानी


हमारी सहयोगी वेबसाइट zeebiz.com के मुताबिक ये घटनाक्रम साल 1950 के आस-पास का रहा होगा. माना जाता है कि उस दौरान अमीर और संपन्न घरानों की भारतीय महिलायें ब्यूटी प्रोडक्ट्स विदेशों से मंगवाती थीं. एक तरह से भारतीय रुपया विदेश जा रहा था. ये जानकर तत्कालीन PM नेहरू को ये आइडिया आया कि क्यों न एक इंडियन मेकअप ब्रांड शुरू किया जाए. तब उन्हें भी पता नहीं होगा कि एक दिन ये ब्रांड बाजार में इतनी धूम मचाएगा कि आखिरकार इंटरनेशनल ब्रांड बन जाएगा.



(Photo Credit: Social Media)

यूं बदला मालिकाना हक


नेहरू को ये एहसास भी हुआ कि बाज़ार में कोई भी भारतीय मेकअप ब्रांड नहीं था, जो विदेशी प्रोडक्ट्स का मुकाबला कर सके. उस समय कुछ सूत्रों के जरिये पीएम नेहरू तक ये बात भी पहुंची कि वीमेन एसोसिएशन की एक समस्या ये भी है कि बाजार में उनके लिए सस्ते ब्यूटी प्रोडक्ट्स नहीं हैं. आखिरकार, 1952 में Lakme ने टाटा ऑयल मिल्स की सहायक कंपनी के रूप में अपना परिचालन शुरू किया. साल 1961 में Naval H. Tata की पत्नी Simone Tata ने कंपनी को बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर ज्वाइन किया और 1982 में वो कंपनी की चेयरपर्सन बन गयीं. लेकिन 1996 में टाटा ने Lakme को हिन्दुस्तान लीवर को 2000 करोड़ में बेच दिया.


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