Beef row in Hostel: लोकतंत्र में सबको अपने मन की बात करने का अधिकार है. आप क्या खाएंगे, क्या पहनेंगे और आपकी पूजा पद्धति क्या होगी? ये आप पर कोई थोप नहीं सकता. लेकिन शिक्षण संस्थानों के अपने नियम होते हैं, जिनको फॉलो किया जाना किसी भी शख्स की नैतिक जिम्मेदारी होती है. खासकर खान पान में तो बेहद सावधानी बरतनी चाहिए. हर जगह की अपनी मर्यादा होती है. लंच हो या डिनर बीफ खाना आपकी पसंद या नापसंद पर निर्भर करता है. नॉर्थ ईस्ट में ऐसे फूड आइटम मिलना बहुत सामान्य बात है. यानी आपको जो करना है अपनी पर्सनल प्रॉपर्टी में करिए लेकिन उसका ऐसा प्रचार न करिए जिससे किसी की भावनाएं आहत होती हों.


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बीफ पर था बैन तो क्यों पकाया?


यहां बात ब्रह्मपुर की जहां इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल में बीफ पर बैन होने के बावजूद सात छात्र बीफ पार्टी कर रहे थे. सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में बीफ पका तो बवाल मच गया. इसके बाद सात छात्रों को कथित तौर पर ‘बीफ’ पकाने के लिए छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. कॉलेज परिसर में ‘बीफ’ पकाना ‘प्रतिबंधित’ है. परला महाराजा इंजीनियरिंग कॉलेज के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को एक आदेश जारी किया कि दो छात्रावासों के सात छात्रों को ‘प्रतिबंधात्मक गतिविधियों’ में शामिल होने के कारण निष्कासित किया गया है.


अर्थदंड भी लगा


इन सात छात्रों में से एक छात्र पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. अधिकारी ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने छात्रों के अभिभावकों को भी इस निर्णय से अवगत करा दिया है.


अधिकारी के अनुसार, निष्कासित छात्रों ने बुधवार को छात्रावास के अपने कमरे में ‘बीफ’ पकाया, जो संस्थान के नियमों का उल्लंघन था. उन्होंने कहा, ‘कॉलेज के छात्रों के एक वर्ग ने इस घटना की ओर संस्थान के प्राचार्य का ध्यान आकर्षित किया. जांच के बाद छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई.’


दूसरों की भावनाएं आहत मत करिए


बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं ने छात्रावास में ‘बीफ’ पकाने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. स्थिति के मद्देनजर कॉलेज परिसर और छात्रावासों के पास पुलिस कर्मियों की एक टीम तैनात की गई ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके.


(इनपुट: पीटीआई भाषा)