Bhartiya Nyan Sanhita in Jammu Kashmir: देशभर में एक जुलाई से नई आपराधिक न्याय संहिता लागू हो चुकी है. इन तीनों संहिताओं के बारे में अपने कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए सभी प्रदेशों में पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. जम्मू कश्मीर के डीजीपी आर आर स्वैन ने कहा कि प्रदेश के आतंकी इको सिस्टम को खत्म करने में तीनों नए कानून अहम भूमिका निभाएंगे. 


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'एक मजबूत कानूनी प्रणाली की जरूरत'


स्वैन ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रदेश में आतंकवाद को खत्म करने और आतंकवादियों के हाथों पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि हथियार और गोला-बारूद, जैसे पारंपरिक तरीके आतंकवाद से लड़ने में प्रभावी रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में पूरे आतंकी नेटवर्क को उखाड़ फेंकने के लिए एक मजबूत कानूनी प्रणाली का होना भी जरूरी था. 


'आतंकियों को को खत्म करने में फायदा'


डीजीपी ने कहा कि जघन्य कृत्यों के लिए जिम्मेदार कई अपराधी विभिन्न बाधाओं के कारण दोष सिद्धि से बच निकले हैं. हालांकि, नए आपराधिक कानूनों से पीड़ितों को न्याय पाने और जम्मू-कश्मीर में स्थापित आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि इन नए कानूनों का कार्यान्वयन पहले ही शुरू हो चुका है, श्रीनगर, अनंतनाग और बारामूला के पुलिस स्टेशन भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के रूप में जाने जाने वाले नए-नए आपराधिक कानून प्रावधानों के तहत मामले दर्ज करने वाले पहले पुलिस स्टेशनों में से हैं.


'गुलामी के दौर की याद दिलाते थे कानून'


सूत्रों के मुताबिक इन नए आपराधिक कानूनों को जम्मू कश्मीर के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है. एलजी मनोज सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने इन कानूनों को लेन पर बड़ी मेहनत की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आख़िरकार तानाशाही क़ानून को खत्म कर दिया है. वे कानून हमें अंग्रेजों के गुलामी के दौर की याद दिलाते हैं.