नई दिल्ली: निर्भया रेप (Nirbhaya rape case) के सात साल हो गए हैं लेकिन अब तक पीड़ित को पूरी तरह इंसाफ नहीं मिल पाया है. इस घटना के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए कानून बदलने की मांग उठी लेकिन 7 साल बाद भी देश में उसी तरह महिलाओं से दरिंदगी जारी है. हैदराबाद 
(Hyderabad)
के बाद देश के अलग-अलग-हिस्सों से रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं. हैवानियत करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं. सवाल यही है कि जो लोग भारत को शर्मिंदा कर रहे हैं, उन्हें सज़ा कब दी जाएगी. जब महिलाएं सुरक्षित नहीं तो समाज कैसे सुरक्षित रहेगा? 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हैदराबाद में महिला वेटरनिटी डॉक्टर की गैंगरेप के बाद गला दबाकर हत्या की गई. दरिदों ने केरोसीन डालकर शव जलाया. स्कूटी पंचर कर मदद के बहाने गैंगरेप किया. हालांकि पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजने की सिफारिश करेगी. वकीलों ने आरोपियों का केस नहीं लड़ने का फैसला किया है. आरोपियों के खिलाफ लोगों ने शनिवार को प्रदर्शन किया. 


उधर, रांची में लॉ की छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया है. आरोपियों ने छात्रा को अगवा किया. पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के संभल में बीते 21 नवंबर को नाबालिग लड़की के साथ रेप किया गया. रेप के बाद आरोपी ने पीड़ित को जिंदा जला दिया. पीड़ित ने आज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ा है. पुलिस ने रेप के आरोपी करके गिरफ्तार जेल भेज दिया है लेकिन सवाल है कि रेप से हिंदुस्तान कब तक लहुलुहान होता रहेगा? 


नया कानून लेकिन कुछ नहीं सुधरा
रेप के मामले में कानून जरूर नया आ गया लेकिन कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा. भारत में क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 2018 के मुताबिकबालिग के साथ रेप पर 10 साल, 12 वर्ष कम उम्र की लड़की से रेप पर 20 साल, उम्रकैद या फांसी, 12-16 वर्ष की लड़की से रेप पर उम्र कैद की सज़ा, रेप के बाद हत्या पर फांसी की सज़ा संभव है. 16 वर्ष से कम का अपराधी को बाल सुधार गृह में भेजा जाता है. 


ये भी देखें: 



सबसे ज्यादा रेप के मामले कहां? 
NCRB रिपोर्ट 2017 के मुताबिक, रेप के मामलों में मध्य प्रदेश शीर्ष पर है. मध्य प्रदेश में 2017 में कुल 5562 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां रेप के 4246 केस दर्ज किए गए. फिर तीसरे नंबर पर राजस्थान आता है जहां रेप के कुल 3305 मामले सामने आए. इसके बाद, ओडिशा (2070 केस), केरल (2003 केस), महाराष्ट्र 1933 (केस), छत्तीसगढ़ (1908 केस) का नाम आता है.