Bihar CM Nitish Kumar on Anand Mohan release: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई को लेकर राजनीति थमती नजर नहीं आ रही है और इसको लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आनंद मोहन की रिहाई पर पहली बार बयान दिया है और कहा कि कैदियों की रिहाई कोई नई बात नहीं है. आनंद मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई को लेकर सवाल उठाए जाने पर नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि पहले अन्य राज्यों के कानून से यहां अंतर था.


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एक ही आदमी की रिहाई पर चर्चा क्यों: नीतीश कुमार


पटना में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि इतने लोगों को जेल से छुट्टी मिलती है, लेकिन एक आदमी की रिहाई पर जो बात की जा रही है, हमको तो बड़ा आश्चर्य लग रहा है. नीतीश कुमार ने बीजेपी नेता सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह राजनीति की चीज नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने सुशील मोदी और आनंद मोहन की मुलाकात की फोटो और खबरों की प्रिंट कॉपी दिखाकर कहा कि ये फरवरी में रिहाई की मांग कर रहे थे और अब विरोध कर रहे हैं. हमे तो आश्चर्य होता है.


'सरकारी अधिकारी और सामान आदमी की हत्या में फर्क होना चाहिए?'


सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या सरकारी अधिकारी की हत्या और सामान आदमी की हत्या में फर्क होना चाहिए. बता दें कि आनंद मोहन (Anand Mohan) गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी और जेल में बंद थे. हालांकि, इस बीच बिहार सरकार ने जेल मॉड्यूल में संशोधन कर दिया है, जिसके बाद आनंद मोहन जेल से बाहर आ गए हैं.


सुशील मोदी ने कानून में बदलाव पर बिहार सरकार को घेरा


बीजेपी नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कानून में बदलाव कर कैदियों की रिहाई पर सरकार को एक बार फिर से घेरते हुए शुक्रवार को कहा कि आईएएस अधिकारी जी कृष्णया हत्याकांड के समय लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे, इसलिए वही बतायें कि यदि पूर्व सांसद आनंद मोहन निर्दोष थे, तो उन्होंने उस समय उनकी कोई मदद क्यों नहीं की. मोदी ने कहा कि दलित आइएएस अधिकारी की ड्यूटी के दौरान दिनदहाड़े हुई हत्या की यह जघन्य घटना लालू राज के डरावने दिनों की याद दिलाती है.


सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि आनंद मोहन के मामले में लालू-राबड़ी सरकार ने सेशन कोर्ट से हाईकोर्ट तक उनकी रिहाई का विरोध किया था। आज यही लोग उनकी रिहाई के लिए जेल कानून को बदल रहे हैं. मोदी ने कहा कि 2005 तक राजद की सरकार थी। तब क्यों नहीं आनंद मोहन को निर्दोष बताने की कोशिश की गई, इसका जवाब तो लालू प्रसाद ही दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज चुनावी लाभ के लिए लाखों सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा को ताक पर रख कर राजद-जदयू की सरकार दुर्दांत अपराधियों को रिहा कर रही है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी आईएएनएस)