Bihar News: पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर बीजेपी नेता ने पोस्टर लगाकर श्रीरामचरित मानस और श्रीमदभागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग की है. साथ ही इसमें बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन को सलाखों के पीछे दिखाया गया है.


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पोस्टर में लिखा है, 'कुछ अधर्मी अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए श्री रामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथ की निंदा कर सनातन मूल्यों से भारतीय समाज को अलग कर हिंदुत्व को कमजोर कर रहे हैं.  ऐसे भी विधर्मियों की गलत कोशिशों पर तभी रोक लगा सकती है जब श्री रामचरितमानस और श्रीमद् भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित कर संवैधानिक दर्जा दिया जाए.'


पोस्टर में यह भी लिखा है कि 2024 की लड़ाई जितनी है तो श्रीरामचरित मानस और श्रीमदभागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें सरकार. पोस्टर पर लव कुमार सिंह 'रुद्र' का फोटो लगा है, जिसके नीचे लिखा है - राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवमनावी सेना और सह भाजपा नेता.


कुछ दिनों पहले पटना में नीतीश कुमार के लगे थे पोस्टर
आजकल पटना में सियासी पोस्टर काफी देख जा रहे हैं. मंगलवार को ‘इंडिया’ गठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक से पहले पटना के कई हिस्सों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका सौंपने की मांग वाले पोस्टर लगाए गए थे. हालांकि इन पोस्टर के बारे में कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर से त्वरित स्पष्टीकरण आया है कि उसका इन पोस्टर से कोई लेना-देना नहीं है.


जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधानपरिषद नीरज कुमार ने कहा, ‘यह ज्ञात नहीं है कि पोस्टर किसने लगाए हैं। लेकिन इसके निश्चय (संकल्प) में कोई भी दोष नहीं निकाल सकता है.’ वह कुमार की तस्वीर वाले पोस्टरों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें लिखा है, ‘अगर सच में विजय चाहिए तो फिर एक निश्चय चाहिए.’