Araria Bridge Collapse: बिहार में पुल गिरने के मामलों में अब तो हद ही हो गई है. एक बार फिर से पुलों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. कल (शनिवार, 10 अगस्त) को राघोपुर में एक पुल जमींदोज हो गया था, तो वहीं आज अररिया में एक और पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. यहां जोकीहाट प्रखंड के खता घाट पर परमान नदी पर बने पुल का एक पिलर धंस गया है. यह पुल 2016 में 4 करोड़ से अधिक की राशि में बनकर तैयार हुआ था. ग्रामीणों ने बताया कि पुल बनने के एक साल के बाद ही पुल का एक पाया धंस गया था, जिसके बाद से इस पुल पर बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल बनने के 1 साल बाद से ही क्षतिग्रस्त हो गया था. जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों तक, सभी को इस बात की जानकारी दी गई है, लेकिन इस पुल को बनाने वाली एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 


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ग्रामीणों ने कहा कि पुल टूटा हुआ है और उनकी मरम्मत नहीं की जा रही है, लेकिन इस पुल के मेंटेनेंस के नाम पर विभाग से रुपया निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2028 तक इस पुल की मरम्मत की जिम्मेदारी राज इंजीनियर्स नामक कंपनी को दी गई है. इस पुल के रखरखाव के लिए कंपनी को रुपये दिए जाने की बात बोर्ड मे अंकित भी है. इसके बाद भी पुल बदहाली से जूझ रहा है.


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इससे पहले जून में अररिया में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटना से पहले ही धराशायी हो गया था. पुल के तीन पिलर धंस गए थे और पुल धड़ाम हो गया था. पुल हादसे के बाद सांसद प्रदीप कुमार सिंह और सिकटी भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल ने इसे संवेदक और विभागीय लापरवाही का नतीजा करार दिया था. वहीं इस मामले की जांच करने वाले ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता इंजीनियर आशुतोष कुमार रंजन का कहना था कि नदी की वक्र प्रवृति की वजह पुल गिर सकता है.