Patna: बिहार में धान अधिप्राप्ति की समय सीमा मार्च तक किए जाने को लेकर बिहार विधानसभा (Bihar Vidhansabha) में ध्यानाकर्षण सवाल लाया गया. विपक्ष के सदस्यों ने धान अधिप्राप्ति की समय सीमा बढ़ाने को सदन के अंदर प्रदर्शन किया. विपक्षी विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सरकार के सामने सवालों की झड़ी लगा दी. 


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तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि किसानों के पक्ष में हमने आवाज उठाया है. MSP के रेट पर धान की खरीदारी नहीं हो रही है. सदन में सरकार ने कहा कि वो MSP के रेट पर धान की खरीद नहीं कर सकती है.


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तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने यह भी कहा कि हम सवाल उठा रहे हैं सरकार से और सरकार के मंत्री से. दो से ज्यादा फसलों पर MSP मिले. धान की खरीद पर बड़ा घोटाला हो रहा है. किसानों से 11 सौ पर धान खरीद की जा रही है. बिहार सरकार किसानों को धोखा दे रही है. बिहार के किसान दयनीय स्थिति में हैं. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से आग्रह है कि वे कृषि मंत्री को बर्खास्त करें.


इस पर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Amrendra Pratap Singh) ने कहा कि सरकार ने धान की खरीद MSP पर ही की है. सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए साढ़े 35 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है. 21 फरवरी के बाद धान की खरीद नहीं होगी. क्योंकि धान अब किसानों के पास नहीं है. अब धान बिचौलियों के पास है. विपक्ष चाहता है धान का पैसा अब बिचौलियों के पास जाए. 


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एक तरह से बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने तेजस्वी यादव की समझदारी पर सवाल खड़े किए हैं.


इस मामले पर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा (Ajit Sharma) ने भी तेजस्वी के बयान का समर्थन किया और कहा कि कृषि मंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा. सरकार ये कैसे कह सकती है कि MSP पर धान नहीं खरीद सकते हैं.