Bihar Lok Sabha Election 2024 First Phase: पूरे देश में लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख जहां आज (बुधवार, 27 मार्च) है, वहीं बिहार में नामाकंन का अंतिम दिन गुरुवार (28 मार्च) है. पहले चरण में 102 सीटों पर वोट पड़ेंगे, जिनमें बिहार की भी 4 सीटें शामिल हैं. बिहार की जिन चार सीटों पर पहले चरण में वोट पड़ने हैं, उनमें गया, नवादा, औरंगाबाद और जमुई लोकसभा सीट शामिल हैं. महागठबंधन में भले ही सीट शेयरिंग अभी तक ना हो सकी हो लेकिन राजद सुप्रीमो लालू यादव ने इन चारो सीटों को अपने कब्जे में ले रखा है. उन्होंने सीट बंटवारे का इंतजार किए बिना ही पहले चरण की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. वहीं एनडीए खेमे में पहले की चार सीटों में से दो बीजेपी को मिली है, जबकि एक सीट जीतन राम मांझी और एक सीट चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के हिस्से में गई है. बीजेपी ने अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. गया सीट से जीतन राम मांझी खुद चुनाव लड़ने को तैयार हैं. जमुई से चिराग ने इस बार अरुण भारती को टिकट दिया है. 


लोकसभा सीट का नाम महागठबंधन NDA नॉमिनेशन की लास्ट डेट मतदान की तारीख
गया (अनूसुचित जाति) कुमार सर्वजीत (RJD) जीतन राम मांझी (HAM) 28 मार्च 19 अप्रैल
औरंगाबाद (सामान्य) अभय कुशवाहा (RJD) सुशील कुमार सिंह (BJP) 28 मार्च 19 अप्रैल
नवादा (सामान्य) श्रवण कुशवाहा (RJD) विवेक ठाकुर (BJP) 28 मार्च 19 अप्रैल
जमुई (अनूसुचित जाति) अर्चना रविदास (RJD) अरुण भारती (LJPR) 28 मार्च 19 अप्रैल

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बता दें कि इससे पहले चिराग पासवान खुद जमुई से चुनाव लड़ते थे. वह लगातार दो बार इस सीट से जीतकर संसद पहुंच रहे हैं. इस बार वह हाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसी वजह से उन्होंने जमुई से अरुण को मैदान में उतारा है. वहीं हाजीपुर को लेकर अड़े पशुपति पारस को बीजेपी ने एक भी सीट नहीं दी है. जिससे नाराज होकर उन्होंने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, वह अभी तक एनडीए का हिस्सा हैं. उधर पासवान परिवार के एकजुट होने की सारी संभावनाओं पर अब चिराग पासवान ने ही विराम लगा दिया है.


होली के अवसर पर मीडिया से बात करते हुए चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज के साथ हाथ मिलाने की संभावना को खारिज कर दिया. जब चिराग पासवान से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उन्हें (पशुपति पारस को) तय करना है. मेरे पिता के निधन के बाद, परिवार का सबसे बड़ा सदस्य होने के नाते, सभी को साथ लेकर चलना जिम्मेदारी उनकी थी. पारस को दूसरा मौका देने के सवाल पर चिराग ने कहा कि यह केवल मुझ पर निर्भर नहीं करता है. इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हैं, जैसे मेरी मां, मेरी बहनें.


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