बगहा: पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र को बिहार का एक छोटा सा गांव जमादार टोला साकार करता दिख रहा है. यहां हर घर में हैं हुनरमंद अपनी कला के जौहर से कृर्तिमान रच रहे हैं. दरअसल, पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय से क़रीब 45 किलोमीटर दूर बगहा प्रखंड का सिसवा बसंतपुर पंचायत का जमादार टोला गांव है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह गांव देखने में देश के अन्य गांवों की तरह ही है. लेकिन यहां के लोग बेहद खास है. इन गांव वालों के हाथ में जो हुनर है, वह इन्हें देश के बाकी गांव से अलग करता है. क्योंकि यहां के हर घर में हुनरमंद लोग मिलते हैं. फिर चाहे लोहा को पीटकर औजार बनाने वाले हों या फिर सोने को पिघलाकर आभूषण बनाने वाले. लकड़ी को काटकर फर्नीचर बनाना हो, मोबाईल बनाना हो या फिर किसी के घर को पेंट कर नया रूप देना हो. गांव के हूनरमंद लोगों का एक जगह जमावड़ा शायद ही आपने कहीं देखा और सुना होगा.


इस गांव के लोगो ने विकास की एक नई इबारत लिख दी है. आलम यह है कि, इस गांव से सटे आस-पास के लगभग 30 गांव के लिए, यह गांव हर छोटी बड़ी जरूरतों को पूरा करता है. आस-पास के गांव के लोग अपने किसी भी जरूरत के लिए शहर की ओर रुख नहीं करते हैं. उनके हर जरूरत को यह गांव और यहां के लोग पूरा करते हैं.


इससे इस गांव के लोगों का जीवनयापन भी बेहतर तरीके से हो रहा है और आत्मनिर्भर भारत की एक ऐसी तस्वीर भी देखने को मिल रही है, जिसका सपना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देखा है. यही वजह है कि, भारत सरकार के पूर्व पेट्रोलियम सचिव और बीजेपी (BJP) विधायक आर एस पांडेय ने इन मजदूरों और हुनरमंद ग्रामीणों की सराहना करते हुए राज्य और केंद्र सरकार से इन्हें प्रोत्साहित करने की मांग की है.