Begusarai News: बिहार में स्मार्ट बिहार पर राजनीति जारी है. राजद की ओर से स्मार्ट मीटर लगाए जाने का विरोध किया जा रहा है. इसको लेकर वह आंदोलन करने के मूड में है. राजद ने एक अक्टूबर को पूरे राज्य में प्रखंड कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. कांग्रेस ने भी राजद का साथ देते हुए स्मार्ट मीटर के खिलाफ पूरे प्रदेश में जन आंदोलन चलाने की घोषणा की है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने हाल ही में ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा की. इस बैठक में ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने सीएम को बताया कि राज्य में अब तक 50.23 लाख स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाया जा चुका है जिसमें शहरी क्षेत्रों में 17.47 लाख, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 32.76 लाख स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं. वर्ष 2025 तक शेष स्मार्ट मीटर को भी लगा दिया जाएगा. 


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सीएम नीतीश के सपने को साकार करने में बेगूसराय के डीएम तुषार सिंगला पूरी मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर विभाग और उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हैं. इसके संबंध मे फैलाई जा रहीं, जितनी भी अफवाह हैं वो गलत हैं, यह एक डिजिटल रीडिंग मैकनिजम है, जो पूरी तरीके से फूलप्रूफ है. इतना ही नहीं डीएम ने पत्रकारों को बताया कि 31 मार्च तक ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा कर लिया जायेगा. डीएम ने बताया है कि 30 नवंबर तक जिले के अधिकारी,जनप्रतीनिधि सरकारी कार्यालय हैं या अधिकारियो के आवास हैं, वहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा किया जायेगा. सोमवार को संबोधित करते हुए डीएम तुषार शिमला ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश मे पिछले दस पंद्रह सालों मे ऊर्जा विभाग ने जो काम किया है, उससे बिहार मे ऊर्जा के क्षेत्र मे क्रांति आई है. उसके अगले चरण मे स्मार्ट मीटर लगाना अगला चरण है. 


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उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर की जो पूरी प्रणाली है, जितना डिस्ट्रीब्यूशन चैनल हैं, उसके माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली मुहैया कराई जाती हैं. उसकी रीडिंग ठीक समय पर हो पाए, स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं की बिजली की खपत मे बचत हो, इसके लिय स्मार्ट मीटर एक डिजिटल रीडिंग मेकैनिज्म हैं. रीडिंग का काम पहले डिजिटल मीटर से होता था जो अब स्मार्ट मीटर के डिजिटल रीडिंग से होगा. दोनों में अंतर यह है कि यह प्रीपेड मीटर हैं. जिस तरह हम मोबाइल का रिचार्ज करते थे, उसी तरीके से इसे रिचार्ज कराना होगा, जिसमें हम डेली की खपत या मासिक खपत को देख सकतें है. उसके अनुसार वो बिजली की खपत का प्लान कर पाएंगे. 


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डीएम ने बताया कि स्मार्ट मीटर को लेकर मीटर को तेज चलाने या टेंपरिंग करने की बात बिलकुल भ्रामक हैं. स्मार्ट मीटर की टेक्नोलॉजी फुल प्रूफ हैं. डीएम ने बताया कि आने वाले दिनो मे जिला के जितने सरकारी कार्यालय हैं, अधिकारियों के आवास और कार्यालय हैं, वहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जायेगा. कुछ कार्यालय ऐसे होंगे जहां स्मार्ट और डिजिटल मीटर दोनो लगाया जायेगा. जहां जनप्रतिनिधि और मीडिया के लोग दोनों मे कैंपेयर कर सकते हैं. जहा दोनों का रीडिंग सेम आएगा. डीएम ने बताता की आने वाले मार्च महीने तक शहर से लेकर ग्रामीण इलाको मे स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा कर लिया जायेगा. 


रिपोर्ट- जितेंद्र चौधरी