पटना: बेगूसराय में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है. लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी जोरों से चल रही है. इस लोकसभा चुनाव को लेकर लोगों में काफी उत्साह भी देखी जा रही है. लगातार लोकसभा चुनाव को लेकर चौक चौराहे पर चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं प्रत्येक राजनीतिक दल अपने-अपने गठबंधन के हिसाब से मतदाताओं को अपनी उपलब्धि और नहीं होने वाले कामों को गिना रहे हैं.


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बता दें कि इस बार का लोकसभा का चुनाव लोगों के लिए बेहद ही खास होने वाला है. लोगों की माने तो इस बार लोग स्थानीय मुद्दे जैसे स्वास्थ्य शिक्षा जैसे शिक्षा सड़क रोजगार को आगे रखकर मतदान करेंगे. इसके लिए अपने जनप्रतिनिधि से विकास की गारंटी चाहते है. इसके अलावा इस बार लोग पार्टी विशेष से अलग अपने क्षेत्र के विकास को लेकर मतदान की बात कह रहें है. यहां के लोगों का सबसे बड़ा मुद्दा विकास है और विकास के नाम पर ही अपने जनप्रतिनिधि को चुनेंगे. वही संबंध में लोगों ने बताया है कि पिछले 5 वर्षों में बेगूसराय में विकास कुछ नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा है कि चुनाव के समय में जनप्रतिनिधि आते हैं और विकास के नाम पर वोट देते हैं. जीतने के बाद वह दर्शन नहीं देते हैं और यहां से चले जाते हैं. जनता इस बार मूड बना लिया है कि विकास के नाम पर ही वोट करेंगे. इस इलाके के लोग यहां के फैक्ट्री से निकलने वाली जहरीली हवा को पीते है. बावजूद यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. 


मतदाताओं ने बताया कि उनके परिजनों ने बरौनी रिफाइनरी, थर्मल और फर्टिलाइजर है, लेकिन इसके बावजूद भी बेरोजगार को इस जगह रोजगार नहीं मिल पा रहा है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सारी सुविधा नगण्य है. सड़क गड्ढा में तब्दील है शिक्षा के लिए भी कुछ नहीं है. उनकी मांग है कि केंद्र हो या राज्य सरकार बेगुसराय को एक दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना तक नहीं कर पाई जबकि इसकी मांग लंबे समय से चल रही है. साथ ही आपको बताते चलें कि एनडीए की ओर से प्रत्याशी बनाए गए है. दरअसल बेगूसराय में लोकसभा चुनाव चौथे चरण में होने वाला है. बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी विधानसभा सीटें शामिल हैं. यहां के कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है. वहीं इस क्षेत्र की आबादी मुख्य रूप से खेती-किसान और पशुपालन जैसे कामों पर निर्भर करती है. इसके अलावा यहां पर उद्योगों को स्थापित करने का मुद्दा भी चुनावों में बना रहता है. बेगूसराय लोकसभा सीट की बात करें तो यहां सातवें चरण के तहत 30 अप्रैल 2014 को मतदान हुआ था.


इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जहां डॉ. भोला सिंह को उम्मीदवार बनाया था, वहीं राजद के प्रत्याशी मोहम्मद तनवीर हसन उनको टक्कर देने की पूरी तैयारी में थे. मतदान के बाद 16 मई को जो मतगणना हुई तो भाजपा के प्रत्याशी डॉ. भोला सिंह को 428227 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी राजद प्रत्याशी मोहम्मद तनवीर हसन को 369892 वोट मिले. इस तरह से साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय की जनता ने डॉ. भोला सिंह को चुनकर संसद भेजा. वहीं बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां पर उद्योग के नाम पर कुछ गिने-चुने कारोबार हैं. इसके अलावा यहां के लोग मुख्य रूप से खेती और पशुपालन करते हैं. वहीं 2009 में परिसीमन के बाद जहां पहली बार इस सीट पर जदयू से मोनाजिर हसन चुनकर संसद गए तो वहां 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. भोला सिंह को जीत मिली. इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने यहां पर जीत दर्ज की.


इनपुट- जी बिहार झारखंड ब्यूरो


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