बेगूसरायः Begusarai Love Story: प्यार हो जाए तो न उम्र का पता होता है न दूरियां मायने रखती है, न ही किसी खतरे का एहसास कदमों को रोक पाती है. अपने प्यार को पाने की जिद्द को लेकर जिसके लिए प्रेमी प्रेमिका हर वो कुछ कर गुजरते है जो बाद में प्यार की नई इबादत लिख देता है. बिहार के बेगूसराय में एक ऐसी ही प्रेम कहानी सामने आई है. जहां फेसबुक से हुए प्यार में पागल एक प्रेमिका घर से भाग कर दुल्हन के लिबास में 80 किलोमीटर टेंपू की यात्रा कर प्रेमी के घर पहुंची.


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दुल्हन के लिबास में 80 किलोमीटर की यात्रा कर टेंपू से प्रेमिका प्रेमी के घर पहुंची. इसकी खबर जब इलाके वालों को लगी तो लोग प्रेमिका को देखने दूर-दूर से आने लगे. लेकिन लड़के का पिता खलनायक निकला और उसने इस शादी से इंकार कर दिया. हालांकि दोनों के बीच प्यार को देखकर गांव वालों को तरस आ जाता है. जिसके बाद ग्रामीणों ने काफी समझा बुझा के अनोखा शादी को संपन्न कराया. 


शादी संपन्न होने के बाद इस प्रेम कहानी को देखकर ग्रामीणों की आंखें नम हो गई. वहीं दूल्हा दुल्हन बन प्रेमी और प्रेमिका के चेहरे पर मुस्कान आ गई. ये पूरा मामला बिहार के बेगूसराय के भगवानपुर थाना क्षेत्र का है. दरअसल, कुछ वर्ष पहले दोनों कू मुलाकात फेसबुक पर हुई थी और देखते ही देखते दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया. जिसके बाद प्रेमिका 80 किलो मीटर दूर से दुल्हन के जोड़े में प्रेमी के घर पहुंची. जिसके बाद हाईवोल्टेज ड्रामे के बीच भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मोख्तियारपुर पंचायत के कविया गांव स्थित सरस्वती मंदिर में संपन्न हो जाती है.           


इस अनोखा शादी में ग्रामीणों के अलावा पूजा पाठ करने आए भक्तों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. लोगों का कहना है कि यह शादी फिल्मों में देखी जानी वाली प्रेम कहानी से अलग रियल लाइफ की प्रेम कहानी को साक्षात देखते का मौका मिला है. 


बताते चले कि वैशाली जिले के करनौती उत्तरवारी टोला की रहने वाली राजेश्वर चौधरी की पुत्री काजल कुमारी को भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत किरतपुर पंचायत के अकहा निवासी अशोक चौरसिया के पुत्र प्रेमी रूपेश कुमार से फेसबुक से प्यार हुआ था. जिसके बाद घर से भाग कर दुलहन की लिबास में अस्सी किलोमीटर की यात्रा कर वो अपने प्रेमी के गांव पहुंच गईं. प्रेमिका को देखते ही लड़का पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई. लेकिन ग्रामीणों की भीड़ ने दोनों के प्रेम को देखकर शादी करने का निर्णय लिया. दोनों के रजामंदी से कविया गांव स्थित सरस्वती मंदिर में एक दूजे के डोर में बंध गए.
इनपुट- जीतेंद्र चौधरी 


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