भागलपुरः बिहार के बहुचर्चित घोटालों में  एक भागलपुर का बहुचर्चित सृजन घोटाले में बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है. सृजन घोटाले मामले में सुनवाई कर रही पटना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सृजन घोटाले के एक मामले में भागलपुर के पूर्व डीएम आईएएस अधिकारी वीरेंद्र यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. वीरेंद्र यादव की जमानत याचिका खारिज हो गयी है. गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद से उनकी मुश्किलें काफी ज्यादा बढ़ गई है.  


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याचिका अदालत में खारिज 
सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने कोर्ट के स्पेशल केस संख्या 03/20 में वीरेंद्र यादव समेत 10 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था. जिनमें से एक की मौत हो चुकी है. नौ आरोपियों के खिलाफ  वारंट जारी किया गया है. सृजन घोटाला मामले में आईएएस अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव ने अग्रिम कार्यवाही पर रोक लगाने और जमानत देने के लिए आग्रह किया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी.   


जानें क्या है मामला 
आरोप के अनुसार भागलपुर जिले में की मिलीभगत से महिला सशक्तिकरण से जुड़ी सरकारी योजना की करोड़ों रुपयों की राशि का घोटाला किया गया था. मामले की प्राथमिकी सीबीआई ने आरसी 11ए/2017 के रूप में दर्ज की थी. सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में रजनी प्रिया और अमित कुमार समेत कई लोगों के खिलाफ मूल आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसके बाद 17 नवंबर 2021 को सीबीआई ने तत्कालीन जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार यादव की संलिप्तता पाते हुए उनके खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है. बता दें कि इस मामले में रजनी प्रिया और अमित कुमार फरार चल रहे है और पूर्व जिलाधिकारी वीरेंद्र यादव की ओर से दायर सशरीर उपस्थिति की माफी याचिका 30 मई 2022 को खारिज कर दी गई थी और आज यानी 23 सितंबर 2022 को अदालत ने वीरेंद्र यादव को अग्रिम जमानत की सुविधा देने से भी इनकार कर दिया था. 


(इनपुट-अश्विनी)


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