Bhagalpur News: नसबंदी के बावजूद गर्भवती हुई महिला, चिकित्सा पदाधिकारी ने झाड़ा पल्ला
Bhagalpur News: इस मामले में चिकित्सा पदाधिकारी ने क्षति पूर्ति की राशि देने की बात कही है. हालांकि, उन्होंने आरोपी डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं कहा है.
Bhagalpur News: भागलपुर में एक बार फिर सरकारी अस्पताल का अजब गजब कारनामा सामने आया है. यहां एक महिला जिसका दो महीने पहले ही परिवार नियोजन के तहत नसबंदी हुआ था, बावजूद इसके वह महिला गर्भवती हो गई. जिसके बाद महिला और उसके परिजन परेशान हैं. दरअसल, नवगछिया परबत्ता के रहने वाले मजदूर मंटू झा की पत्नी प्रिया कुमारी की शादी 2017 में शादी हुई थी. 2018 में उन्हें पहला बच्चा हुआ और 2019 में दूसरा बच्चा हुआ. इसके बाद आर्थिक स्थिति को देखते हुए और डॉक्टरी सलाह पर 14 मार्च 2024 को प्रिया का स्वास्थ्य केंद्र इस्माइलपुर में नसबंदी कराया गया था. इसके बाद जांच कराया गया तो गर्भ मे बच्चा दिखा. पीड़िता प्रिया ने बताया कि 14 मार्च 2024 को ऑपरेशन करवाने इस्माईलपुर हॉस्पिटल गए थे. वहां डॉक्टर ने यह भी नहीं बताया कि आपको डिलीवरी होने वाला है. बाद में कीट लेकर चेक किए तब जाकर पता चला.
परिवार नियोजन का ऑपरेशन करवाए थे. अब अस्पताल में डॉक्टर कुछ सुन ही नहीं रहा है. दो-तीन बार गए हॉस्पिटल लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, आशा कर्मी को भी बोले लेकिन उन्होंने भी नहीं सुना. अभी प्रेग्नेंसी का 8वां महीना चल रहा है, ऑपरेशन सफल नहीं हुआ. पीड़िता के पति मंटू झा ने कहा कि मैंने अपनी पत्नी का ऑपरेशन 14 मार्च 2024 को ऑपरेशन करवाया था. इस्माईलपुर हॉस्पिटल में जो कि सफल नहीं रहा और दुबारा फिर से डिलीवरी होने वाला है. इसमें कई बार हॉस्पिटल गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस्माइलपुर हॉस्पिटल जाने के बाद डांट कर भगा दिया जाता है. इसमें डॉक्टर की लापरवाही नजर आ रही है. अब डॉक्टर हीं न बताएंगे कि किस तरह से ऑपरेशन किया कि महिला प्रेग्नेंट हो गई है.
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उन्होंने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी के कारण बच्चों को पढ़ाने लिखाने में परेशानी है तीसरे बच्चे का भरण पोषण कैसे होगा. मामले में डॉक्टर राकेश रंजन, चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि लिखित में कोई आवेदन नहीं मिला है या कोई जांच का नहीं मिला है. फोन पर बात हुई है हमने कहा कि आप अल्ट्रासाउंड करा कर के रिपोर्ट हमको सबमिट कीजिए, उसके बाद हमलोग जांच पड़ताल करेंगे. यदि आपका सही होगा तो जो क्षति पूर्ति की राशि है वो आपको भुगतान किया जाएगा. इसमें कोई और कार्यवाही नहीं होगी, जो क्षतिपूर्ति होगा वो मिलेगा क्योंकि शत-प्रतिशत तो कुछ होता नहीं है. यदि सर्जन कितनों का ऑपरेशन करते है लेकिन किसी ने अभी तक नहीं बोला है यदि ये सही होगा तो क्षतिपूर्ति राशि 30 हजार रुपया मिलेगा. अब सवाल है कि यह कहकर मामले से झाड़ना कहां तक उचित है?
रिपोर्ट- अश्विनी कुमार
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