भागलपुरः सिल्क सिटी भागलपुर की सिल्क साड़ियों की जमकर बिक्री हुई है. बिहार, झारखंड, एमपी, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की महिलाओं में तीज पर भागलपुर सिल्क का क्रेज देखा गया. साजन के सजनी को भागलपुरी सिल्क लुभा रही है. सिल्क के तरह तरह के वैरायटी की साड़ियों के लिए करोड़ों के ऑर्डर बुनकरों ने व्यापारियों ने तैयार कर भेजे अब बुनकर दुर्गा पूजा की तैयारी में जूट गए.


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पति की लंबी उम्र की कामना और अखण्ड सौभाग्य के लिए महिलाएं तीज व्रत मनाते है. इस पर्व का महिलाओ को बेसब्री से इंतज़ार रहता है. महिलाएं तीज पर निराहार रहती है और सज धज कर नई साड़ियां पहनती हैं. इस वर्ष महिलाओं को भागलपुरी सिल्क खूब भाया है. विशेषकर उच्च वर्ग की महिलाओं को डुपियन सिल्क, कटिया सिल्क, तसर सिल्क, मार्बल प्रिंट पसंद आया तो मध्यम वर्ग की महिलाओं को कोटा सिल्क, बाटिक प्रिंट, लिनन कॉटन मिक्स साड़ी पसंद आया. 


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भागलपुर से करोड़ों के ऑर्डर बिहार के अलग अलग शहरों समेत उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बंगाल समेत कई राज्यों में भेजे गए. भागलपुर सिल्क सिटी के बुनकरों द्वारा तैयार साड़ियां पटना के खादी मॉल समेत कई बड़े मॉल भेजे गए. महिलाओं ने भागलपुरी सिल्क की जमकर खरीदारी की है. इसके साथ ही अब दुर्गा पूजा के लिए ऑर्डर मिलने लगे हैं और बुनकर इसकी तैयारी में जुट गए हैं. केरल, बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड समेत कई राज्यो से दुर्गा पूजा में करोड़ों के ऑर्डर मिलते हैं. बुनकरों को पिछले कई महीनों से आमदनी कम हो रही थी लेकिन तीज में भागलपुरी सिल्क की हाई डिमांड ने बुनकरों के चेहरे पर रौनक लायी.


भागलपुर के करोबारी मोहम्मद तहसीन बताते हैं कि तीज को लेकर बिहार, बंगाल, यूपी और एमपी के महिलाओं को यहाँ की साड़ियां पसंद आई. महंगाई के दौर में महंगी सिल्क साड़ियां, डुपियन सिल्क की महंगी साड़ी ऑफिसर क्लास की महिलाएं पहनती हैं. मध्यम वर्गीय महिलाएं सिल्क के मार्बल प्रिंट कोटा सिल्क को पसंद की हैं. करोड़ों के आर्डर भेजे गए. दुर्गा पूजा के लिए भी ऑर्डर मिलने लगे हैं. इस वर्ष दुर्गपूजा में भागलपुरी सिल्क साड़ी पर मंजूषा प्रिंटिंग साड़ी भी विशेष रहेगी. मधुबनी पेंटिंग साड़ी की तरह भागलपुर की लोककला मंजूषा कला प्रिंट साड़ी को भी आगे बढ़ाया जाएगा.


वहीं साड़ियां तैयार करने वाले बुनकर नाजिश अहमद बता रहे हैं कि कोटा सिल्क पर ज्यादा काम हुआ है. तीज के ऑर्डर भेजने के बाद दुर्गा पूजा की तैयारी में जुटे हुए है. दुर्गा पूजा पर केरल और बंगाल से ज्यादा डिमांड होती है. एक दिन में दो साड़ी हमलोग तैयार करते हैं. जैसे-जैसे जिस राज्य से ऑर्डर आता है सब मिलकर तैयार कर भेजते हैं.


पर्व त्योहारों में या अन्य प्रयोजनों में सिल्क साड़ियों का प्रयोग करने वाली भागलपुर की स्थानीय महिला प्रीति पांडे बताती है कि सिल्क का धागा काफी मजबूत और चमकदार होता है. यह काफी शुद्ध भी माना जाता है. इसलिए हम लोग पर्व त्योहारों में इसका उपयोग करते है. सिल्क में तसर सिल्क, घिचा सिल्क हम लोग ज्यादा पहनते हैं. साड़ी पहनने में काफी अच्छा लगता है. मौसम के हिसाब से अच्छा लगता है.


रेशमी शहर भागलपुर में तकरीबन 80 हजार से अधिक बुनकर सिल्क की साड़ियों समेत सिल्क सूट, कुर्ता, कुर्ती दुपट्टा, स्कार्फ बनाते हैं. पर्व त्योहारों को लेकर बुनकरो के बनाये कपड़े व्यापारी के माध्यम से मॉलों और दुकानों पर भेजे जाते हैं. भागलपुरी सिल्क की डिमांड विदेशों में भी होती है.
इनपुट- अश्वनी कुमार, भागलपुर 


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