Lakhisarai: लखीसराय के सदर अस्पताल (Sadar Hospital) की व्यवस्थाएं हमेशा से चर्चा में रही है. कभी कुछ चिकित्सकों व कर्मियों की मनमानी तो कभी यहां मरीजों को हो रही अन्य तरह की परेशानियों को लेकर सदर अस्पताल सुर्खियों में रहता है. वहीं, कुछ दिनों से स्ट्रेचर को लेकर अस्पताल में दिख रही अव्यवस्थाओं की एक और नई तस्वीर सामने आई है. इधर, अभी बिहार में एंबुलेंस से बालू ढोए जाने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि लखीसराय सदर अस्पताल में कुछ इससे मिलता हुआ ही मामला सामने आया है. यहां सदर अस्पताल में स्ट्रेचर से ही बालू ढोए जाने का काम जारी है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ेंः शव रखने के लिए नहीं हुआ कोई वाहन तैयार, तो बिना PPE Kit पहने ट्रेक्टर से ले जाकर किया दाह-संस्कार


दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सदर अस्पताल स्ट्रेचर को लेकर चर्चाओं में रहा है. मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ हीं,  स्ट्रेचर मिलते भी हैं, तो उसे लाने और ले जाने के लिए एक भी कर्मी आगे नहीं आते है. परिजनों को ही स्ट्रेचर धकेलकर इमरजेंसी या फिर अन्य वार्डों तक ले जाना पड़ता है. कर्मियों का काम सिर्फ मरीज के परिजनों को स्ट्रेचर धकेलने के लिए दिशा-निर्देश देने तक सीमित रह गया है. इतना ही नहीं परिजनों को ऐसा करते अस्पताल के अधिकारी व चिकित्सक भी देख भी लेते हैं. इसके बावजूद भी कर्मियों को कुछ भी कह पाने से परहेज करते हैं.  


ये भी पढ़ेंः कोरोना की दूसरी लहर के बीच Bhagalpur में बढाई गई बेड की संख्या, DM खुद आगे आकर रहे हैं पहल


इधर, सदर अस्पताल परिसर में कोविड-19 (Covid-19)जांच व एक्स-रे के कमरें के नजदीक लोगों के बैठने के लिए सिमेंडेट बेंच का निर्माण हो रहा है. साथ हीं, कुछ भवन निर्माण से भी जुड़ा हुआ काम संचालित है.  इसी के साथ मजदूरों को बालू या ईंट ढोने के लिए कोई ठेला गाड़ी नहीं बल्कि उपयोगी स्ट्रेचर दे दिया गया है. शनिवार को दो मजदूरों को स्ट्रेचर पर ईंट लादकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते देखा गया है. यह तस्वीर स्पष्ट रूप से साबित करती है कि अस्पताल प्रशासन मरीजों के लिए कम और निर्माण कार्यों के लिए स्ट्रेचर का उपयोग करना ही बेहतर समझता है. 


(इनपुट-राज किशोर मधुकर)