बांका में पशुपालन विभाग की स्थिति बदहाल, जर्जर भवन में जान हथेली पर रखकर कार्य कर रहे कर्मचारी
पूरे बिहार में स्वास्थ्य विभाग के सभी हॉस्पिटल चकाचक किए जा रहे हैं, लेकिन पशुपालन विभाग के हॉस्पिटल जर्जर स्थिति में है. उसे देखने वाला कोई नहीं है. यहां तक कि डाटा ऑपरेटर कार्यालय में भी हल्की बारिश होने पर पूरे कार्यालय में पानी भर जाता है. इतना ही नहीं कई महत्वपूर्ण कागज को बचाने के लिए प्लास्टिक बैनर की मदद लेती है.
बांकाः बांका जिले में पशुपालन विभाग की बदहाल स्थिति है. जर्जर स्थिति में भवन अधिकारी बैठने से घबराते हैं. बांका मुख्यालय में पशुपालन विभाग के मकान जर्जर स्थिति में कभी भी बड़ी हादसा हो सकता है. चाहे वह फ्रोजन सीमेन बैंक हो या कार्यालय, सभी जगह दीवारों और छत से प्लास्टर उखड़ कर गिर रहे हैं. अधिकारी अपना कार्यालय छोड़कर दूसरे कार्यालय में बैठने को मजबूर हैं. हमेशा अपना जान जोखिम में देखकर अपने कार्यालय के अंदर पहुंचते हैं. सबसे बड़ी समस्या है कि पशुपालन विभाग के अस्पताल भी जर्जर और भयावह स्थिति में हैं. इन्हें लेकर कई बार फिर से निर्माण की मांग कई गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
पशुपालन विभाग के अस्पताल भी जर्जर
पूरे बिहार में स्वास्थ्य विभाग के सभी हॉस्पिटल चकाचक किए जा रहे हैं, लेकिन पशुपालन विभाग के हॉस्पिटल जर्जर स्थिति में है. उसे देखने वाला कोई नहीं है. यहां तक कि डाटा ऑपरेटर कार्यालय में भी हल्की बारिश होने पर पूरे कार्यालय में पानी भर जाता है. इतना ही नहीं कई महत्वपूर्ण कागज को बचाने के लिए प्लास्टिक बैनर की मदद लेती है. पशुपालन विभाग के अशोक कुमार ने बताया कि जर्जर मकान में ही विभाग के सभी आवश्यक सामान पड़ा हुआ है. जब उसे लाने के लिए जाते हैं तो हमेशा डर सताती है कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए. सुबह से ही अपना ऑफिस छोड़कर दूसरे के ऑफिस में बैठकर किसी तरह कार्य कर रहे हैं. अब देखने वाली बात यह है कि बिहार सरकार पशुपालन विभाग पर अपनी नजर कब डालते है.
बिहार में पशु पशु अस्पतालों की हालत हमेशा ही दयनीय रही है. इसे लेकर समय-समय पर इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन आज तक इस हाल में कोई सुधार नहीं हुआ है. पशु अस्पताल के रखरखाव के अभाव में धीरे-धीरे जर्जर होती जा रही है. मुंगेर-खगड़िया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, बांका सभी जगहों के पशु अस्पतालों में एक सी ही स्थिति है.
रिपोर्टः बिजेंद्र