Lakhisarai: बिहार में बारिश नहीं होने का कारण इस बार किसानों का बुरा हाल है. वहीं, लखीसराय में भी किसान धान की खेती को लेकर बेहद परेशान हैं. अभी तक किसान धान की फसलों को बचाने के लिए परेशान नजर आ रहे थे. लेकिन अब खाद की किल्लत ने भी किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. 


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खेतों में पड़ी दरारें 
दरअसल, बीते काफी समय से बिहार के किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार है. बिहार में इस बार सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. जिसके कारण किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं. खेतों में लगे धान के बिचड़े सूख रहे हैं. साथ ही खेतों में दरारें नजर आने लगी है. बारिश की बेरुखी के बाद अब किसानों को उर्वरक की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कृषि विभाग खेती में आने वाली मुश्किलों को दूर करने में जुटी है. जिसके बाद भी किसानों को खाद नहीं मिल रही है. 


खाद की हो रही किल्लत
खाद की किल्लत होने के कारण धान की फसलों को बचाने के लिए किसानों को काफी मेहनत करनी पड़ रही है. लखीसराय बिस्कोमान के पास यूरिया और डीएपी खाद आया है, जिसके बाद भी किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जानकारी के मुताबिक जिले में खाद के लिए निर्धारित लक्ष्य 8,805 मीट्रिक टन उर्वरक रखा गया है लेकिन अभी तक मात्र 6,209.25 मीट्रिक टन ही विभाग के द्वारा उपलब्ध कराया गया है. 


मंहगा हुआ यूरिया
धान की रोपाई के लिए सबसे अधिक यूरिया की जरूरत होती है. यूरिया के लिए निर्धारित लक्ष्य 3,955 मीट्रिक टन की जगह 2,780.25 मीट्रिक टन ही उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में धान की रोपाई करने के बाद जिले के किसान खाद को लेकर परेशान हैं. किसानों को खाद के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है और 266 रुपयों की जगह 350 रुपये में यूरिया मिल रहा है.  


धान की फसलों की चिंता 
किसानों ने बताया कि सभी लोगों को बरसात के साथ-साथ खाद की किल्लत की समस्या से भी उभरने का इंतजार है. किसानों का कहना है कि पहले सूखे को लेकर परेशान थे, लेकिन अब खाद की किल्लत से काफी परेशान है. ऐसे में इस साल धान की पैदावार को लेकर किसान चिंतित हैं. 


वैक्लपिक खेती के लिए करें प्रेरित
हालांकि कृषि पदाधिकारी की मानें तो जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. जबकि लखीसराय बिस्कोमान में खाद की कमी के कारण ताला लटका हुआ है. बिस्कोमान कर्मी बताते हैं कि यूरिया के किल्लत के कारण किसान यहां से लौट कर जा रहे है. खाद नहीं मिलने से किसानों में काफी आक्रोश है. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि जिले में खाद की किल्लत को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा. इसके साथ ही सूखे की स्थिति से निपटने के लिए योजना बनाई गई है. मौसम की स्थिति के अनुसार किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. आकस्मिक फसल की खेती करने के लिए बीज उपलब्ध कराया जायेगा.


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