लखीसराय: Lakhisarai News: बिहार सरकार द्वारा सभी गांव में पक्की सड़क मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से बनवाया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों की सुस्ती के कारण ठेकेदार मनमाने तरीके से सड़कों को बनाते हैं और फिर मरम्मत के नाम पर राशि निकाली जाती है. मालूम हो कि कोई भी सड़क बनने के बाद 5 साल तक मेंटेनेंस में रहती है, लेकिन सड़क के बन जाने के बाद ना तो अधिकारी निरीक्षण करने आते हैं और ना ही ठेकेदार सड़क की दोबारा मरम्मत करते हैं और मरम्मत की राशि हार साल कागजों में मेंटेनेंस दिखाकर निकाल ली जाती है.


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ताजा मामला लखीसराय से है जहां सूर्यगढ़ा प्रखंड के रतनपुर से पवई रेलवे हॉल्ट तक जाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से 2.877 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम 08 अगस्त 2019 में शुरू हुआ था. सड़क तो बनकर तैयार हो गई, लेकिन फिर यहीं से भ्रष्टाचार ने जन्म ले लिया. हर साल मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए खर्च दिखाकर राशि तो निकाली जा रही है, लेकिन असल में आजतक यहां कोई झांकने तक नहीं आया है. जिस कारण सड़क अब गड्ढे में तब्दील हो गई है.


जगह-जगह सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने बताया कि 2019 में ये सड़क बनकर तैयार हुई थी. जिसके बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर थी क्योंकि उन्हें आने जाने में काफी आसानी हो रही थी, लेकिन थोड़े दिनों बाद ही उनकी खुशियों पर पानी फिर गया.


सड़क बनने के बाद ना तो कोई अधिकारी निरीक्षण करने आया और ना ही कोई ठेकेदार आया. जिसका नतीजा ये हुआ कि सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई. सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे बन गए जिससे ग्रामीणों की परेशानी जस की तस रह गई. लोगों का कहना है कि जब से सड़क बनी है एक बार भी मेंटेनेंस नहीं कराया गया है, लेकिन मेंटेनेंस की राशि हार साल निकाली जा रही है. ग्रामीणों की मांग है कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जाए कि आखिर बिना मेंटेनेंस कराए ही राशि कैसे निकाली जा रही है.


इनपुट- राज किशोर मधुकर


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