Sultanganj Shravani Fair: सुल्तानगंज के श्रावणी मेला आज से हो रहा शुरू, 4-4 मंत्री करेंगे उद्घाटन, कैलाश खेर बांधेंगे समां
कार्यक्रम में भगदड़ न हो इसको लेकर विशेष पुलिस बलों की तैनाती रहेगी. कांवड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है. कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. एसएसबी के साथ साथ पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.
Sultanganj Shravani Fair: सुल्तानगंज में विश्व स्तरीय लगने वाला श्रावणी मेले का आज यानी मंगलवार (04 जुलाई) को शुभारंभ होने वाला है. मेले की भव्यता का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाइए कि बिहार सरकार के एक या दो नहीं बल्कि 4-4 मंत्री इस मेले का उद्घाटन करेंगे. जानकारी के मुताबिक, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, कला संस्कृति मंत्री जितेंद्र राय, पीएचईडी मंत्री ललित यादव मेले का उद्घाटन करने वाले हैं. उद्घटान समारोह के बाद सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक कैलाश खैर अपनी आवाज से शिवभक्ती की गंगा बहाएंगे.
इसको लेकर जिला प्रशासन ने सुल्तानगंज पर बने नमामि गंगे घाट पर सारी तैयारियां लगभग मुकम्मल कर ली हैं. पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम को लेकर मुकम्मल व्यवस्था की गई है. बिहार पर्यटन विभाग की ओर से गंगा घाट पर मंच और पंडाल का निर्माण कराया गया है. कार्यक्रम में भगदड़ न हो इसको लेकर विशेष पुलिस बलों की तैनाती रहेगी. कांवड़ियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है. कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. एसएसबी के साथ साथ पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.
अजगैबीनाथ धाम की धरती भगवामय हो चुकी है. देश के अलग अलग हिस्सों से श्रद्धालुओं का जत्था सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा तट पहुंच रहे हैं. वो यहां से जल लेकर बैधनाथ धाम के लिए रवाना हो रहे हैं. श्रद्धालु 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए दो दिनों में देवघर पहुंचेंगे और वहां बैधनाथ बाबा पर जलाभिषेक करेंगे. कांवरियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. सुल्तानगंज नमामि गंगे घाट श्रद्धालुओं से खचाखच है, श्रद्धालु बोल बम का जयकारा लगाया रहे हैं.
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देवघर कामना लिंग है, ऐसे में सावन के पहले दिन से ही कावरियों की भारी भीड़ देखी गई. कहते हैं कि सावन माह में उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर जो कांवरिया पैदल यात्रा कर बाबा पर जल अर्पण करते हैं, उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. बता दें सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है. पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं. मान्यता है कि सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था.
रिपोर्ट- अश्विनी कुमार