Nadiya Ke Paar: फिल्म 'नदिया के पार' की शूटिंग उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के एक ठाकुरों के गांव में हुई थी. महज 18 लाख रुपये के छोटे बजट में बनी 'नदिया के पार' ने राजश्री प्रोडक्शन को बड़ी सफलता दिलाई, खासकर तब जब उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो चुकी थीं.
फिल्म 'नदिया के पार' की शूटिंग जौनपुर के एक ठाकुरों के गांव में हुई थी. इस फिल्म की शूटिंग डेढ़ से दो महीने तक चली और इसका ज्यादातर हिस्सा सई और गोमती नदियों के संगम पर फिल्माया गया.
महज 18 लाख रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने 30 गुना ज्यादा कमाई की. यह फिल्म राजश्री प्रोडक्शन के लिए बड़ी हिट साबित हुई, जब उनकी अन्य फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो रही थीं.
फिल्म में सचिन पिलगांवकर ने चंदन और साधना सिंह ने गुंजा की भूमिका निभाई थी. इन दोनों की सादगी भरी प्रेम कहानी ने दर्शकों का दिल जीत लिया.
फिल्म में चंदन के भाई ओंकार का किरदार इंदर ठाकुर ने निभाया था. उनका अभिनय फिल्म में बेहद प्रभावशाली रहा और दर्शकों को याद रह गया.
फिल्म के गीतों को रविंद्र जैन ने संगीतबद्ध किया था. जसपाल सिंह और हेमलता ने 'कौन दिशा में लेके चला रे बटुरिया' जैसे गीतों को अपनी आवाज़ दी, जो आज भी लोकप्रिय हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साधना सिंह ने फिल्म के बाद फिल्म निर्माता राजकुमार शाहाबादी से शादी की. उनकी एक बेटी शीना भी अब बॉलीवुड में एक्ट्रेस हैं.
'नदिया के पार' 1 जनवरी 1982 को रिलीज हुई थी और आज भी यह फिल्म दर्शकों की पसंदीदा बनी हुई है. साथ ही फिल्म के रिलीज होने के 41 साल बाद इसके प्रमुख कलाकारों साधना सिंह और सचिन पिलगांवकर का लुक अब काफी बदल चुका है, लेकिन फिल्म की यादें आज भी ताजा हैं.
फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड बनाए और इसे भोजपुरी सिनेमा की एक महत्वपूर्ण फिल्म माना जाता है, जिसने बॉलीवुड को भी चौंका दिया. 'नदिया के पार' ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि इसने भारतीय सिनेमा में एक अलग स्थान भी हासिल किया.
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