रेणु देवी ने कहा, 'ममता बनर्जी देश के दुकड़े-टुकड़े करने वाली महिला हैं. वह वामपंथी विचारधाराओं वाली महिला हैं, उन्हें देश और भारत माता से कोई मतलब नहीं है. हम लोग देश को जोड़ने वाली महिलाएं हैं.'
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पटना: बिहार के बाद पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal Election 2021) की तैयारी में बीजेपी पूरी तरह जुट गई है. इस बीच, सियासी बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. बिहार की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी (Renu Devi) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) को लेकर विवादित बयान दिया है.
डिप्टी सीएम रेणु देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाली महिला बताया है. उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी देश के दुकड़े-टुकड़े करने वाली महिला हैं. वह वामपंथी विचारधाराओं वाली महिला हैं, उन्हें देश और भारत माता से कोई मतलब नहीं है. हम लोग देश को जोड़ने वाली महिलाएं हैं.'
बिहार: ममता बनर्जी पर डिप्टी सीएम @renu_bjp का बड़ा हमला pic.twitter.com/oT2N1nVBgT
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) December 14, 2020
दरअसल, अगले साल पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं. इससे पहले पश्चिम बंगाल का सियासी पारा गर्म है. भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में 'कमल' खिलाने और ममता का किला ध्वस्त करने के लिए पूरे जी जान से जुटी है. बीजेपी के तमाम नेता पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी जब बिहार में जीत के बाद कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देने बीजेपी के मुख्यालय पहुंचे थे तो उन्होंने ने भी इशारों-इशारों में बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए बता दिया था कि इस बार बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल का चुनाव के क्या मायने हैं.
वहीं, बीते दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान जिस तरह से उनके काफिले पर पत्थरबाजी हुई, उससे बीजेपी और टीएमसी के बीच का सियासी गतिरोध और गर्म हो गया. इस घटना में पश्चिम बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय सहित तमाम नेताओं को चोंट आई.
हालांकि, ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने इस घटना में टीएमसी कार्यकर्ताओं के शामिल होने से साफ इंकार करते हुए बीजेपी पर ही निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी के लोग ही यह सब जानबूझकर करवा रहे हैं. जबकि घटना के बाद बंगाल के राज्यपाल ने केंद्र को इसकी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया था. साथ ही राज्यपाल ने ये भी कहा था कि अगर ममता सरकार अपनी सीमाओं को लांघेगी तो उन्हें भी अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करना पड़ेगा.