पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना मद में 25 करोड़ की राशि को बढ़ाकर इस साल 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है. यह राशि अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगार के लिए कर्ज के तौर पर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों के समान मदरसा शिक्षकों के मूल वेतन में भी वृद्धि की जाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पटना में मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन के लिए किए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान का अकलियतों, खासकर मुस्लिमों को लाभ मिलेगा, क्योंकि सर्वाधिक गरीबी उनके बीच ही है.


उन्होंने कहा, "वर्ष 2018 में मैट्रिक-इंटरमीडिएट में प्रथम श्रेणी से पास करने वाले 27 हजार अल्पसंख्यक छात्रों को प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 10-10 हजार की दर से 30 करोड़ रुपये की राशि दी गई. साथ ही मदरसा बोर्ड से प्रथम श्रेणी में मौलवी और फोकनिया की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 2,380 छात्रों को भी 10-10 हजार रुपये दिए गए हैं."


पांच एकड़ से अधिक भूभाग पर 86 करोड़ की लागत से मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों के शिलान्यास पर प्रसन्नता जताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में जब से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी है, बिना किसी भेदभाव के सबके विकास के लिए काम किया जा रहा है.


(IANS इनपुट)