बिहार स्वास्थ्य विभाग 'सुस्त', 42 घंटे से नहीं जारी किए गए कोविड के आंकड़े
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बिहार स्वास्थ्य विभाग 'सुस्त', 42 घंटे से नहीं जारी किए गए कोविड के आंकड़े

शनिवार को विभाग ने शाम को डेटा अपडेट किया गया था, लेकिन उसके बाद उसे तुरंत डिलीट कर दिया गया. हालांकि, ऐसा क्यों किया गया इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है.

बिहार स्वास्थ्य विभाग 'सुस्त', 42 घंटे से नहीं जारी किए गए कोविड के आंकड़े.

पटना: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की सुस्त कार्यशैली की एक और तस्वीर सामने आई है. बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था और कुशल कार्यशैली का दावा करने वाला स्वास्थ्य महकमा, एक बार फिर सवालों को घेरे में आ गया है. कोरोना की मार झेल रहा बिहार इस समय कोविड संक्रमण से कराह रहा है और सरकार 'सबकुछ' ठीक होने का दावा कर रही है.

ऐसे में, स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के आंकड़े न जारी करने में सुस्ती ने कई सवालों को जन्म दे दिया है. दरअसल, बिहार स्वास्थ्य विभाग ने बीते 42 घंटे में कोरोना को लेकर कोई आंकड़े नहीं जारी किए हैं, न ही इसको लेकर कोई अपडेट आया है.

ये सब तब हो रहा है, जब पिछले हफ्ते ही स्वास्थ्य विभाग में प्रधान सचिव की जिम्मेदारी बिहार के तेज तर्रार आईएएस (IAS) अधिकारी और सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के पंसदीदा नौकरशाहों में शुमार प्रत्यय अमृत को दी गई है. प्रत्यय अमृत ने अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए कहा था कि, उनकी पहली प्राथमिकता होगी लोगों के अंदर से कोरोना का भय निकले. लेकिन दुर्भाग्यवश कोरोना के डेटा ही अब नहीं जारी हो रहे हैं.

प्रत्यय अमृत की तैनाती के बाद, सरकार ने दो अपर सचिव लेवल पर भी अधिकारियों की तैनाती की है. लेकिन तब भी विभाग का ये ढीला रवैया कई प्रश्नों को जन्म दे रहा है. जानकारी के अनुसार, शनिवार को विभाग ने शाम को डेटा अपडेट किया गया था, लेकिन उसके बाद उसे तुरंत डिलीट कर दिया गया. हालांकि, ऐसा क्यों किया गया इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है.

इधर, तेजस्वी भी लगातार कोरोना टेस्टिंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने रविवार को कहा कि, बिहार सरकार कोरोना जांच में आंकड़ों का खतरनाक गेम खेल रही है.‬

‪तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा, 'लगभग 5 महीनों बाद भी अब टेस्ट संख्या बढ़ाने के लिए ये Anti-gen टेस्ट बढ़ा रहे है और RT-PCR टेस्ट नाम मात्र के कर रहे हैं.‬ Anti-Gen टेस्ट में जांच की सटीकता का सही पता नहीं लगता. अगर संक्रमण की वास्तविक स्थिति को जांचना है तो RT-PCR टेस्ट की संख्या बढ़ानी होगी.'

आरजेडी नेता ने आगे लिखा, '‪फिर आगाह कर रहे हैं कि अपनी विफलताएं छिपाने के लिए लोगों की जान के साथ मत खेलिए.‬ देश जान चुका है बिहार के अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है.'