West Champaran: पश्चिम चंपारण जिला के जीएमसीएच (GMCH) बेतिया में आज फिर एक मरीज की मौत हो गई. साथ ही, अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही में यहां लगातार मरीजों की हो रही मौत को लेकर व्यवस्था पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं. दरअसल, जीएमसीएच बेतिया में उपाधीक्षक और अन्य वरीय चिकित्सक अपनी ड्यूटी निभाने में कोताही बरतने के साथ फ्रेशर चिकित्सकों के हवाले इलाज का जिम्मा सौंप दिया है.  


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जानकारी के अनुसार, जिला के मझौलिया थाना क्षेत्र के विश्वंभरपुर निवासी शिवानी नामक शुगर (Diabetes) की मरीज रविवार को शाम यहां भर्ती कराई गई. जिसकी हालत उस वक्त ठीक थी लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के 12 घंटे बाद भी किसी चिकित्सक ने उनका इलाज नहीं किया और अब लापरवाही के कारण उनकी मौत हो गई है. जिस पर परिजन आरोप लगा रहे हैं और आरोप यह है कि कोई चिकित्सक उसे देखने नहीं आए और गलत इंजेक्शन लगाने के चलते शिवानी की मौत हो गई.


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बता दें कि अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का यह कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले भी एक मरीज की मौत के बाद अस्पताल में लोगों ने जमकर बवाल खड़ा किया था और तोड़फोड़ तक की थी. इसके बावजूद  यहां की व्यवस्था में न तो कोई सुधार है और ना ही चिकित्सक जवाबदेह हैं. सूबे के सरकारी अस्पतालो में दवा इलाज की बेहतर सुविधाओं को लेकर सरकार जितने भी दावे क्यों न कर लें. लेकिन  हकीकत आज भी कुछ और ही है और यहीं वजह है कि अब लोगों का सरकारी अस्पतालों से विश्वास उठ रहा है और इसका जवाब किसी के पास नहीं है क्योंकि अस्पताल के भीतर मीडिया के प्रवेश पर डीएस ने रोक लगा रखी है. वहीं, अब सिस्टम में सुधार करना बेहद जरूरी है ताकि आम लोगों को समुचित दवा इलाज के साथ संतुष्ट किया जा सके. तभी स्वास्थ्य विभाग का दावा असल में सही माना जाएगा. 


(इनपुट-इमरान अज़ीज)