Patna: पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की आज एक बैठक हुई. इसमें राजधानी पटना से जुड़े सौंदर्यीकरण परियोजना को समय से पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया. हालांकि, पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Patna Smart City Limited) की सभी परियोजना सालों देरी से ही चल रही है और अब तक सिर्फ एक ही परियोजना को शुरू किया गया है. पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स आनंद किशोर ने सभी योजनाओं को पूरा करने के लिए तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. वहीं आज की बैठक में राजधानी के लिए अहम फैसले लिए गए.


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बैठक में लिए गए फैसले-


  •  इंटिग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का टेंडर चार दिनों में जारी होगा. गांधी मैदान के पास पीएससीएल की इस योजना पर काम शुरू होना है.

  •  लेजर शो-बोट और चिल्ड्रेन पार्क के साथ अदालतगंज तालाब प्रोजेक्ट को मई में पूरा किए जाने के निर्देश हैं. ये परियोजना इनकम टैक्स चौराहे से सटा है जिस पर दो साल से भी अधिक समय से काम चल रहा है.

  •  जून में 9 जनसेवा केंद्र को चालू करने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, राजधानी में पहले सभी 75 वार्डों में जनसेवा केंद्र बनाने का फैसला किया गया था बाद में इसकी संख्या घटाकर 25 कर दी गई.

  •  10 जगहों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्टैंड बनाने का काम तीन महीने में पूरा होगा.

  •  श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल की फेस लिफ्टिंग और गांधी मैदान में प्रवेश द्वार का टेंडर तीन वर्किंग डे में जारी होगा.

  •  बीरचंद पटेल पथ से विद्युत भवन के बीच नए स्मार्ट रोड के निर्माण  के लिए भी हेतु टेंडर तीन दिनों में जारी होगा.

  •  गांधी मैदान के पास हैप्पी स्ट्रीट बनना है लिहाजा इसके लिए चार दिनों में टेंडर निकाला जाएगा.

  •  शहर में 5800 वर्ग फीट एरिया में थ्री डी वॉल पेंटिंग तैयार होगी, इसका टेंडर एक सप्ताह में जारी होगा.

  •  राजधानी के बड़े नालों में शामिल बाकरगंज नाला को विकसित किया जाएगा यहां वेंडिंग जोन भी बनेगा, मई के पहले सप्ताह में जारी होगी टेंडर.

  •  मीठापुर बस स्टैंड के पीछे मौजूद तालाब को राजधानी के मुख्य आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा. इसके लिए एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार किया जाएगा.  


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दरअसल, पटना का चयन स्मार्ट सिटी के तौर पर केन्द्र सरकार ने 2017 में किया और इसी कड़ी में पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की स्थापना 9 नवंबर 2017 को हुई. करोड़ों की परियोजनाओं का टेंडर हुआ और तेजी से काम भी शुरू हुआ लेकिन पिछले चार सालों में राजधानी में सिर्फ एक ही परियोजना का उद्घाटन हुआ है, वो है गांधी मैदान स्थित 75 फीट लंबे और 42 फीट चौड़ाई वाली मेगास्क्रीन. हालांकि इसका भी लाभ अब तक पटना को नहीं मिला है.