Patna: राजधानी पटना में मंगलवार को जमकर बवाल हुआ. बिहार विधानसभा के घेराव के लिए गांधी मैदान के पास गोलंबर से निकले आरजेडी कार्यकर्ताओं ने मार्च के दौरान पटना में जमकर उपद्रव किया. इस दौरान  RJD कार्यकर्ताओं ने JP गोलंबर के पास प्रशासन की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. इसके बाद डाकबंगला चौराहे पर RJD कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच झड़प हुई, जिसमें दोनों तरफ से कम से कम दो दर्जन लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं. 


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वहीं, बवाल बढ़ने पर तेजस्वी यादव को हेलमेट पहनकर प्रदर्शन करना पड़ा. कहा जा रहा है कि आरजेडी कार्यकर्ताओं ने पहले पुलिस पर पत्थर फेंके जिसके बाद पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं के साथ तेजस्वी और तेजप्रताप यादव को हिरासत में ले लिया. हालांकि, 40-45 बाद पुलिस ने तेजस्वी-तेजप्रताप सहित अन्य को कृष्णा मेमोरियल हॉल के पास छोड़ दिया.



बता दें कि बवाल की शुरुआत जेपी गोलंबर पर हुई. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पहले पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. वाटर कैनन के दौरान देखते ही देखते हालात बिगड़ गए. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ थी. जिसके बाद प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए. इसी दौरान पत्थरबाजी शुरू हो गई. पत्थरबाजी में आरजेडी नेता शक्ति यादव समेत कई प्रदर्शनकारी जख्मी हो गए. प्रदर्शनकारियों को अलग-थलग करने के लिए पुलिस ने जोरदार लाठीचार्ज किया. पुलिस के लाठीचार्ज में भी कई लोग जख्मी हो गए और देखते ही देखते जेपी गोलंबर जंग का मैदान बन गया.


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माहौल बिगड़ने के बाद तेजस्वी यादव खुद हेलमेट में नजर आए हालांकि, ये सवाल अब भी बना हुआ है कि बवाल की शुरुआत किसने की. लेकिन तेजस्वी यादव का आरोप है कि पुलिस ने शांति से प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर पहले पत्थर बरसाए जिससे हालात बिगड़े. दरअसल, तेजस्वी यादव ने आज बढ़ती महंगाई और रोजगार के मुद्दे पर पटना के जेपी गोलंबर से विधानसभा तक पैदल मार्च करने और फिर विधानसभा घेराव का आह्वान किया था. प्रदर्शन को लेकर पुलिस की जबरदस्त सुरक्षा खासकर डाक बंगला चौराहे पर थी. पुलिस ने यहां जबरदस्त बैरिकेडिंग कर रखी थी और बड़ी संख्या में पुलिस भी तैनात थी. जेपी गोलंबर से डाक बंगला चौराहे तक तो प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. लेकिन डाक बंगला चौराहे पर देखते ही देखते बवाल शुरू हो गया. 



वहीं, इसस पहले प्रदर्शन को लेकर तेजस्वी यादव ने प्रशासन से इजाजत भी मांगी थी, जिसे नामंजूर कर दिया गया. इसके बाद तेजस्वी यादव ने प्रशासन के फैसले पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया था, 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है. देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है. वक्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमां, हम अभी से क्यूं बताएं क्या हमारे दिल में है.'