Patna: Bihar MLC election 2021 पंचायत चुनाव के ठीक बाद बिहार विधान परिषद की 20 सीटें खाली हो रही हैं. जिस पर सभी दलों की नजरें टिकी हुई हैं. इन 20 सीटों में ज्यादातर सीटें एनडीए के खाते की हैं. ऐसे में विधान परिषद के चुनाव में एनडीए की प्रतिष्ठा एक बार फिर दाव पर लगी हुई है. बता दें कि इस बिहार विधान परिषद (Bihar Vidhan Parishad Election) का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. जुलाई महीने में विधान परिषद की 20 सीटें खाली हो रही हैं. लोकल बॉडीज यानी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की वोटिंग से सभी एमएलसी (MLC) का चयन होना है. चुनाव की खास बात ये है कि इन 20 में ज्यादातर सीटें एनडीए के खाते में हैं.


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वहीं, इनमें 7 सीटें जेडीयू (JDU) के खाते में हैं और 10 सीटें बीजेपी (BJP) के खाते की हैं. जबकि कांग्रेस की एक सीट है. बीजेपी नेता बिहार विधान परिषद में उपनेता नवल किशोर यादव ने खाली होने वाली सभी सीटों पर बीजेपी और सहयोगी दलों की जीत का दावा किया है.


इस चुनाव की खास बात ये है कि इस चुनाव में आम वोटर नहीं बल्कि पंचायत प्रतिनिधि मतदाता होते हैं. मुखिया-सरपंच, जिप सदस्य, वार्ड सदस्य जैसे प्रतिनिधि वोटिंग के माध्यम से विधान परिषद में अपना प्रतिनिधि चुनते हैं. इसके अलावा पहले से खाली पड़ी चार सीटों पर भी साथ में ही चुनाव होंगे.


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इधर, आरजेडी प्रवक्ता सारिका पासवान ने दावा किया है कि 'जनता की जो उम्मीदें हैं उसे आरजेडी ही पूरा कर सकती है. इस चुनाव में पंचायत प्रतिनिधि वोटिंग करते हैं और हमें उम्मीद है कि सभी प्रतिनिधि आरजेडी महागठबंधन के समर्थन में अपना मत देंगे.' वहीं कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने दावा किया है कि इस चुनाव में उनकी पार्टी का बेहतर प्रदर्शन होगा. चूंकि इस चुनाव में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के प्रतिनिधि वोट करते हैं. इसलिए पंचायत चुनाव परिणाम का असर एमएलसी चुनाव पर दिखेगा.


पूरे मामले का दिलचस्प पहलू ये है कि एमएलसी चुनाव का परिणाम पंचायत चुनाव परिणाम (Bihar Panchayat Result 2021) से जोड़कर देखा जा रहा है. यही वजह है कि सभी राजनीतिक दलों ने पंचायत चुनाव में अपने समर्थक लोगों को मैदान में उतारने का फैसला लिया है. पंचायत चुनाव भले ही दलीय आधार पर नहीं हो रहे हों लेकिन एमएलसी चुनाव में बेहतर रिजल्ट के लिए सभी सियासी दल पंचायत चुनाव में अपना ताकत झोंकने की तैयार कर चुके हैं.