पटनाः Air Pollution in Bihar: बिहार की बयार में भी प्रदूषण का जहर घुल गया है. आलम यह है कि हवा में धूल कणों की मौजूदगी खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है. आंकड़ों पर निगाह डालें तो यह स्थिति स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालने वाली और अति चिंताजनक है. कई इलाकों में हरियाली होने के बावजूद पटना की हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब (Level Poor) है. पटना में आज वायु गुणवत्ता सूचकांक 318 है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मानक से पांच गुना अधिक प्रदूषण
राजधानी के अलावा मुजफ्फरपुर, गया, हाजीपुर, छपरा एवं बिहारशरीफ में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है. मंगलवार को बिहारशरीफ राज्य का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा. वहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 418 रिकार्ड किया गया था. प्रदेश के कई शहरों के वातावरण में तो मानक से चार से पांच गुना अधिक प्रदूषण है. विशेषज्ञ इसका मुख्य कारण प्रदेश की भौगोलिक बनावट एवं मौसम को मान रहे हैं. 


हो रहा है पानी का छिड़काव
पटना की हवा खतरनाक हो गई है. हवाओं में छोटे-छोटे धूल कण मौजूद हैं. अब इन धुलकणों को मारने के लिए पानी का छिड़काव शुरु हो चुका है. कल तक जहां वीवीआइपी इलाके में पानी की बौछारें दी  जा रही थी है वहीं अब आम के पास यह सेवा शुरू कर दी गई हैं. वहीं गया में वायु गुणवत्ता सूचकांक 291 है. भागलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 और मुजफ्फरपुर में एक्यूआई 290 है.


प्रदेश के वातावरण में बना गैस चैंबर
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के आसमान में एक से डेढ़ किलोमीटर के ऊपर एक लेयर बन गया है. ऐसे में धरातल पर होने वाली मानवीय क्रियाओं से पैदा होने वाला प्रदूषण एवं धूलकण मानव स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है. वर्तमान में प्रदेश के वातावरण में एक गैस चैंबर बन गया है. ऐसे में धरातल पर होने वाली गतिविधियों जैसे वाहनों का संचालन, भवनों एवं सड़कों का निर्माण, उद्योग-धंधे आदि से फैलने वाला प्रदूषण आकाश में दो किलोमीटर से ऊपर नहीं जा पा रहा है.