Patna: बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को ए टू जेड की पार्टी बनाने में जुटे RJD नेता तेजस्वी यादव के बयान के बाद बिहार में भूमिहारों के वोट को लेकर राजनीति तेज हो गई है. बिहार में भूमिहार पर राजनीति तेज हो गई है. 


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दरअसल तेजस्वी मंगलवार को परशुराम जयंती के बहाने सवर्णों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के तत्वाधान में आयोजित परशुराम जन्मोत्सव के मौके पर तेजस्वी ने साफ लहजे में कहा कि भूमिहार समाज ने सबको मौका दिया है. भूमिहारों से एक मौका मांगते हुए कहा था कि चूड़ा और दही मिलेगा, तब जाकर बिहार सही होगा. तेजस्वी यादव का इशारा बिहार के भूमिहार समाज और यादव को लेकर था. तेजस्वी के बयान के बाद बिहार में भूमिहारों के वोट को लेकर राजनीति तेज हो गई है.


इस बयान के बाद बीजेपी कोटा से बिहार सरकार के मंत्री आलोक रंजन झा ने पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी राज्य के मुख्यमंत्री बनने के लिए छटपटा रहे हैं. वे मुख्यमंत्री की गद्दी तक पहुंचने के हर हथकंडे अपनाने में लगे हैं. उन्होंने तेजस्वी और उनके परिवार पर तंज कसते हुए कहा कि एक समय था,जब वे भूरा बाल साफ करो का नारा दिया करते थे. अब वहीं लोग भूरा बाल को माफ करो का नारा दे रहे हैं.


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बता दें कि बोचहां में आरजेडी की जीत के बाद भूमिहार वोट बैंक पर हर पार्टी की नजर गड़ गई है. बिहार में भूमिहारों का वोट बैंक करीब 6 फीसदी के आसपास है. इस वोट बैंक की खासियत है कि जब भी ये इस जाति का वोट किसी पार्टी को जाता है तो एकतरफा जाता है. लिहाजा कभी गरीब सवर्णों के आरक्षण के खिलाफ जाने वाले आरजेडी के युवराज तेजस्वी यादव को अब परशुराम जयंती से भी कोई परहेज नहीं रह गया. वो अपने पिता लालू प्रसाद यादव के उलट अपनी नई लकीर खींच रहे हैं.