Bihar: बिहार में श्वान दस्ते के वजह से अब तक 412 शराब पीने और बेचने वाले गिरफ्तार
पुलिस श्वान दस्ते में शामिल प्रशिक्षित विभिन्न प्रजातियों के श्वान शराब कारोबारियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं. बिहार पुलिस के आंकड़े बताते है कि श्वान दस्ते के श्वान कमाल कर रहे हैं. पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दस्ते के श्वान ने पिछले तीन साल में बिहार में डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा शराब पकड़वाई है.
पटना: बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद शराब विक्रयता सक्रिय है. बिहार से रोजाना जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों की खबर सामने आती रहती है. इन मौतों पर बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद से शराब तस्करों की शामत आ गई है. अब शराब तस्करों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है. दरअसल, श्वान दस्ते (डॉग स्क्वायड) को कहा जाता है.
श्वान शराब कारोबारियों की मुसीबत बड़ी
पुलिस श्वान दस्ते में शामिल प्रशिक्षित विभिन्न प्रजातियों के श्वान शराब कारोबारियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं. बिहार पुलिस के आंकड़े बताते है कि श्वान दस्ते के श्वान कमाल कर रहे हैं. पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक दस्ते के श्वान ने पिछले तीन साल में बिहार में डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा शराब पकड़वाई है. श्वान के कारण ही 412 शराब बेचने या पीने वालों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले साल श्वान दस्तों की मदद से 1 हजार 537 लीटर से अधिक विदेशी (अंग्रेजी) शराब बरामद की गई है. जबकि 20 हजार 215 लीटर देशी शराब बरामद करने में श्वान दस्तों ने मदद की.
श्वान दस्तों की मदद से मिली सफलता
इसी प्रकार श्वान दस्तों की मदद से 341 शराब कारोबारियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली. मिले आंकड़ों के मुताबिक खोजी श्वान नें पिछले तीन सालों में यानी 2019 से लेकर 2021 तक शराब पकड़वाने में बहुत मदद की है. श्वानों ने सूंघ कर शराब के भंडार का पता लगाया है, जिससे बड़े पैमाने पर शराब पकड़ी गयी है. पिछले तीन वर्षों में इन श्वानों की मदद से डेढ़ लाख लीटर से ज्यादा शराब बरामद की गई है और 412 शराब के धंधे से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
12 केंद्रों में श्वानालयों की संख्या 107
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में पटना और अन्य क्षेत्रीय केंद्रों सहित 12 केंद्रों में श्वानालयों की संख्या 107 है, जिसमें स्नीफर 30, ट्रेकर 24, लिकर 17 तथा नारकोटिक्स के चार श्वान यानी कुल 75 श्वान है. इन श्वानों में लेब्राडोर नस्ल के 72, जर्मन शेफर्ड नस्ल का एक और बेल्जियम मेलोनिस नस्ल के दो प्रशिक्षित श्वान हैं. इन श्वानों में 20 श्वान जहां 2 वर्ष से कम आयु के हैं. वहीं 16 श्वान दो से चार वर्ष के हैं. इसके अलावा छह श्वान छह से आठ वर्ष के हैं जबकि 28 श्वान आठ वर्ष से ऊपर की आयु के हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
यह भी पढ़े- Corruption:बक्सर पुलिस ने मांगे पासपोर्ट वेरिफिकेशन के पैसे, कहा-मोबाइल रीचार्ज करा दो